हरियाली अमावस्या पर बन रहे 3 शुभ संयोग, जानें सही तिथि,स्नान-दान मुहूर्त और महत्व धर्म
श्रावण मास में पड़ने वाली अमावस्या को हरियाली अमावस्या कहा जाता है। हरियाली अमावस्या को बहुत ही शुभ दिन माना जाता है। हरियाली अमावस्या का दिन शिव भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है, इसलिए इस दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है। आमतौर पर, हरियाली अमावस्या प्रसिद्ध हरियाली तीज से तीन दिन पहले आती है। इस दिन को हरियाली अमावस्या इसलिए कहा जाता है क्योंकि सावन के महीने में चारों ओर हरियाली होती है। इसीलिए इस त्यौहार को हरियाली का त्यौहार कहा जाता है। इसके अलावा इस दिन विभिन्न मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए भी पौधे लगाए जाते हैं। इस तिथि पर पौधों के माध्यम से समृद्धि और खुशहाली प्राप्त की जा सकती है। हरियाली अमावस्या के दिन दान, ध्यान और स्नान का विशेष महत्व होता है। हरियाली अमावस्या का त्यौहार भारत में अलग-अलग नामों से प्रसिद्ध है। यह भारत के उत्तरी राज्यों जैसे राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में बहुत प्रसिद्ध है। महाराष्ट्र में इसे ‘गटारी अमावस्या’ कहा जाता है, आंध्र प्रदेश में इसे ‘चुक्कला अमावस्या’ और उड़ीसा में इसे ‘चितलागी अमावस्या’ के रूप में मनाया जाता है। नाम की तरह, देश के विभिन्न हिस्सों में रीति-रिवाज और परंपराएं अलग-अलग हैं, लेकिन उत्सव की भावना एक समान है। आइए जानते हैं हरियाली अमावस्या कब है और इस दिन कौन से 3 शुभ संयोग बने हैं।
हरियाली अमावस्या तिथि 2023
अमावस्या तिथि आरंभ: 16 जुलाई,रविवार रात्रि 10:08 बजे से
अमावस्या तिथि समाप्त: 17 जुलाई, सोमवार रात्रि 12:01 तक
उदयातिथि के अनुसार 17 जुलाई को हरियाली अमावस्या मनाई जाएगी।
3 शुभ संयोग में हरियाली अमावस्या
इस साल हरियाली अमावस्या पर 3 शुभ संयोग बन रहे हैं। 17 जुलाई को हरियाली अमावस्या के दिन सोमवार है और इस वजह से सोमवती अमावस्या भी है। इन दो शुभ संयोग के अलावा तीसरा संयोग यह है कि हरियाली अमावस्या तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि योग बना है। 18 जुलाई को प्रातः 05:11 बजे से लेकर प्रातः 05:35 बजे तक सर्वार्थ सिद्धि योग है।
हरियाली अमावस्या 2023 का महत्व
हरतालिका तीज से तीन दिन पहले हरियाली अमावस्या मनाई जाती है। हरियाली अमावस्या सावन माह के कृष्ण पक्ष की शिवरात्रि के अगले दिन हरियाली अमावस्या होती है। हिंदू कथाओं के अनुसार, सावन का महीना देवी-देवताओं का आशीर्वाद पाने के लिए बहुत शुभ होता है। हरियाली अमावस्या के दिन पितृ तर्पण और दान पुण्य करना भी विशेष लाभकारी माना गया है। हिंदू परंपरा में पेड़ों को देवता के रूप में भी चित्रित किया गया है और हरियाली अमावस्या के दौरान लोग उनकी पूजा करते हैं। इस दिन कुछ क्षेत्रों में “पीपल” के पेड़ की पूजा करने की प्रथा है। हरियाली अमावस्या के दिन पौधारोपण करना अत्यधिक लाभदायक माना जाता है । पौराणिक कथाओं के अनुसार, पीपल के पेड़ में त्रिमूर्ति ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास है। इस दिन पौधारोपण करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी और आपकी सभी समस्याएं दूर हो जाएंगी। अमावस्या का दिन हमारे पूर्वजों को समर्पित है। इसलिए हरियाली अमावस्या के दिन पितरों को तर्पण और पिंडदान करना भी अच्छा माना जाता है।
हरियाली अमावस्या 2023 स्नान-दान मुहूर्त
हरियाली अमावस्या पर सूर्योदय के साथ ही स्नान-दान शुरू हो जाता है। शुभ मुहूर्त की बात करें तो प्रातः 05:34 बजे से प्रातः 07:17 बजे तक और प्रातः 09:01 बजे से प्रातः 10:44 बजे तक शुभ समय है। इस दिन का अभिजित मुहूर्त रात्रि 12:00 बजे से 12:55 तक है।