एक दुर्गापूजा का एक पंडाल ऐसा भी जहां न ढाक की आवाज न ही संगीत
यह पूजा भाजपा के कार्यकर्ता अभिजीत सरकार ने शुरू की थी। 2021 में चुनाव के दौरान उनकी हत्या कर दी गई थी। अब इसे उनके भाई बिस्वजीत संभाल रहे हैं। यह उन लोगों को समर्पित है, जिनकी हत्या चुनाव के दौरान हो गई थी...
शनिवार को षष्टी है और पूरा बंगाल दुर्गापूजा मय हो गया है। हर गली, हर कूचे में मां के पंडाल सजे हैं। ढाक की आवाज, मधुर संगीत और पूजा की खुशबू से पूरा माहौल भक्तिमय हो गया है। हजारों पंडाल बने हैं। हर पंडाल किसी न किसी थीम पर बना है। कहीं वृंदावन का प्रेम मंदिर तो कहीं रूस-यूक्रेन यूद्ध की विभीषिका, तो कहीं रानी पद्मावती की थीम पर पंडाल बने हैं। लेकिन एक दुर्गापूजा पंडाल ऐसा भी है जहां पर न तो ढाक की आवाज सुनाई देती है और न ही कोई संगीत। काले रंग में बने इस पंडाल में सुनाई देता है तो मां का रुदन। यह पंडाल है श्रीश्री सरस्वती और कालीमाता समिति का, जिसका थीम चुनाव के बाद हुई हिंसा को दिखाने की कोशिश की गई है। इसका थीम है, मायेदेर कान्ना, रक्तात्त बंगाल यानि मांओं का रूदन और रक्तरंजित बंगाल।
भाजपा कार्यकर्ता अभिजीत सरकार को समर्पित
यह पूजा भाजपा के कार्यकर्ता अभिजीत सरकार ने शुरू की थी। 2021 में चुनाव के दौरान उनकी हत्या कर दी गई थी। अब इसे उनके भाई बिस्वजीत संभाल रहे हैं। यह उन लोगों को समर्पित है, जिनकी हत्या चुनाव के दौरान हो गई थी। इसके माध्यम से यह दिखाने की कोशिश की गई है दुर्गापूजा में हर घर में खुशी है, लेकिन उन घरों में मातम है, जिनके परिवार के सदस्य चुनावी हिंसा में मारे गए।
चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा का इंतजाम, 400 चौंकिया स्थापित
दुर्गा पूजा को देखते हुए पुलिस की ओर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस नजर रखेगी। दुर्गा पूजा में लोगों की सुरक्षा के लिए होमगार्ड के 10,000 जवानों समेत कुल 17,000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। इसके साथ ही विभिन्न स्थानों पर 400 चौकियां स्थापित की गयी हैं। इसके अलावा पीसीआर की 58 गाड़ियों और 41 रैपिड एक्शन फोर्स की टीमों को भी लगाया गया है। कोलकाता के पुलिस आयुक्त विनीत गोयल ने कहा कि विजया दशमी और मूर्ति विसर्जन के दौरान भी सुरक्षाकर्मियों तैनात रहेंगे।