आज के समय में आधार कार्ड सबसे जरूरी दस्तावेजों में से एक बन चुका है। सरकारी से लेकर गैर सरकारी, लगभग हर काम में आधार की जरूरत पड़ती है। बैंक में खाता खुलवाना हो, केवाईसी करवानी हो, राशन कार्ड बनवाना हो, सरकारी योजनाओं का लाभ लेना हो या किसी भी स्थान पर अपनी पहचान बतानी हो—आधार कार्ड की भूमिका अनिवार्य मानी जाती है। ऐसे में यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि व्यक्ति के आधार कार्ड में दर्ज सभी जानकारियां सही और अपडेटेड हों।
आधार में दर्ज बायोमेट्रिक और डेमोग्राफिक जानकारी समय के साथ बदलती रहती है। खासतौर पर बायोमेट्रिक जैसे फिंगरप्रिंट और आंखों की स्कैनिंग में उम्र और शारीरिक बदलावों के कारण फर्क आने लगता है। यही वजह है कि कई लोगों के फिंगरप्रिंट मशीन पर नहीं आते, जिससे राशन वितरण केंद्र, बैंकिंग सेवाओं, सिम कार्ड सत्यापन और अन्य सरकारी सेवाओं में उनका काम अटक सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि समय समय पर बायोमेट्रिक अपडेट न कराने से भविष्य में महत्वपूर्ण कार्य बाधित हो सकते हैं।
कैसे करवाएं बायोमेट्रिक अपडेट
बायोमेट्रिक अपडेट कराने के लिए सबसे पहले व्यक्ति को अपने नजदीकी आधार सेवा केंद्र पर अपॉइंटमेंट लेनी होगी। निर्धारित तिथि पर सेंटर पहुंचने के बाद करेक्शन फॉर्म भरना पड़ता है, जिसमें नाम, पता, आधार नंबर और उस विवरण का उल्लेख करना होता है जिसे अपडेट करवाना है। इसके बाद केंद्र पर नई तस्वीर ली जाती है और बायोमेट्रिक दोबारा दर्ज किए जाते हैं। बायोमेट्रिक के सफल वेरिफिकेशन के बाद इन्हें सिस्टम में अपडेट कर दिया जाता है। कुछ दिनों के भीतर नया बायोमेट्रिक रिकॉर्ड सक्रिय हो जाता है और इसके बाद व्यक्ति अपने आधार से जुड़े सभी कार्य सुचारू रूप से करा सकता है।
आधार अधिकारी नागरिकों को सलाह देते हैं कि यदि फिंगरप्रिंट या आईरिस स्कैन बार-बार फेल हो रहे हों, तो बायोमेट्रिक अपडेट तुरंत करवाना चाहिए, ताकि किसी भी महत्वपूर्ण सेवा में दिक्कत न आए।

