आखिर चुनाव लड़ने के लिए प्रत्याशियों को नया बैंक अकाउंट क्यों खुलवाना पड़ता है…? चलिए आपको बताते है….
छत्तीसगढ़ में पहले चरण के मतदान पहले चरण के मतदान के लिए नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो गई है। 7 नवंबर को 20 सीटों के लिए मतदान होगा, इसके बाद दूसरे चरण में 17 नवंबर को 70 सीटों पर चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई। पहले चरण के लिए 294 प्रत्याशियों ने नए बैंक अकाउंट खुलवाए हैं। इसी तरह दूसरे चरण के लिए अबतक 100 से अधिक बैंक अकाउंट खोले जा चुके हैं।
अक्सर देखा जाता है कि चुनाव के समय में मतदाताओं को लुभाने के लिए नेता काफी खर्च करते हैं लेकिन चुनाव आयोग की तरफ से चुनाव में खर्च कितना करना है, ये निर्धारित होता है। इस बार विधानसभा चुनाव में खर्च की सीमा 40 लाख रुपये तय की गई है। इससे अधिक खर्च करने पर निर्वाचन निरस्त कर दिया जाएगा। वहीं चुनाव के नतीजे आने के बाद 30 दिन के भीतर सभी अभ्यर्थियों को चुनाव खर्चा का लिखित ब्योरा देना होगा, इसलिए नामांकन दाखिल करने के एक दिन पहले नया बैंक अकाउंट खुलवाया जाता है।
चुनाव के सभी खर्चे नए बैंक अकाउंट से ही होने चाहिए
रायपुर निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि छत्तीसगढ़ में सभी प्रत्याशियों को चुनाव के दौरान किए जाने वाले सभी खर्चों का पूरा हिसाब व्यय लेखा प्रेक्षक के समक्ष अनिवार्य रूप से पेश करना होगा।इसके लिए निर्वाचन के दौरान किए गए सभी खर्चों को एक निर्धारित प्रारुप के रजिस्टर में बना कर तय तारीख तक निर्वाचन व्यय प्रेक्षक के समक्ष प्रस्तुत करना होगा। प्रत्याशी के रिटर्निंग ऑफिसर को नामांकन के दौरान बैंक खाते की जानकारी भी देनी होती है। चुनाव में सभी प्रकार के खर्चों के लिए बैंक में खोले गए खाते से ही राशि खर्च करनी पड़ती है।
20 हजार रुपए से अधिक का भुगतान नगद नहीं होगा
अलग से खोले गए बैंक खाते में प्रत्याशी पैसे और किसी और स्त्रोत से प्राप्त राशि को जमा कर उसी में से खर्च करेगा। यह बैंक खाता प्रत्याशी का स्वयं का या अपने निर्वाचन अभिकर्ता के साथ संयुक्त रूप से खोला जाता है,यदि किसी व्यक्ति या फर्म को नगद राशि में भुगतान करना हो तो वह बैंक से पैसे निकाल कर 20 हजार रुपए तक का नगद भुगतान कर सकता है। इससे ज्यादा की राशि का भुगतान चेक, ड्रॉफ्ट और आरटीजीएस, एनईएफटी द्वारा करना होगा।