जशपुरछत्तीसगढ़

जशपुर जिले में 140 एकल शिक्षकीय प्रायमरी स्कुल के साढ़े तीन हजार बच्चों के भविष्य का हो रहा है बेडागर्क, अभिभावक चिंतित,

ब्यूरो जशपुर ,आसिफ हसन

जिले के 140 एकल शिक्षकीय प्रायमरी स्कुल के 3509 बच्चों का भविष्य हो रहा है बर्बाद,अभिभावक चिंतित, शिक्षा विभाग के जारी हुए आदेश जिसके आधार पर एकल शिक्षकीय स्कुल से हुए स्थानांतरण को रद्द किया जायेगा. स्कुल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने ऐसे समय यह आदेश जारी किया है जब शैक्षणिक सत्र समापन की ओर है तबतक सैकड़ों बच्चों का पढ़ाई का बेडागर्क हो गया है

जशपुर के 140 प्रायमरी स्कूल ऐसे है जो कि एकल शिक्षकीय है और वहाँ अध्ययन रत बच्चों कि संख्या लगभग साढ़े तीन हजार है सरकारी प्राइमरी स्कूल के एकल शिक्षक होने से अभिभावक परेशान हो रहे है.शिक्षा विभाग प्रायमरी स्कूलों में एकल शिक्षक व्यवस्था ठीक नहीं कर पा रही है। ग्रामीण इलाकों से अभिभावक अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षकों की मांग करते थक जा रहे है लेकिन इस प्रकार कोई सुनवाई नहीँ हो रही है

Ranchi One Way (1)
Raipur 10- (2)
previous arrow
next arrow

दरअसल जशपुर जिले में कुछ स्कुल तो सत्र के शुरुआत से ही एकल शिक्षकीय थे, उसके बाद स्थानांतरण होने के बाद कई स्कूलों में एक शिक्षक ही रह गए है, हाल ही में पदोन्नति होने पर कुछ स्कूल से शिक्षक कम हो गए. अब का हाल यह है कि जिले के 140 स्कुल एकल शिक्षकीय हो गए है जहाँ पढ़ने वाले कक्षा एक से पाँच तक के 3500 बच्चों का भविष्य अधर में है.इसमें लगभग स्कूल ग्रामीण क्षेत्र के हैं, जिस की अनदेखी की जा रही है प्रायमरी स्कूल में एकल शिक्षक व्यवस्था होने की वजह से वहां पर पढ़ाई प्रभावित हो रहा है।

इतनी बड़ी संख्या में जिले के स्कुल की संख्या एकल शिक्षकीय है पर इसकी चिंता न डीईओ को हैं, ना ही बीईओ को है ना ही शिक्षा के दूसरे अधिकारियों को है. विभाग के सभी अधिकारी बोर्ड परीक्षा के परिणाम सुधारने में जी जान लगाए हुए है जबकि उन्हें उन बच्चों की थोड़ी भी चिंता नहीँ है जिनका भविष्य बर्बाद हो रहा है. न तो ऐसे बच्चों की गुणवत्ता के दिशा में सोंचा जा रहा है ना ही समस्या के समाधान की दिशा में कोई उपाय किया जा रहा है. बस हाईस्कुल और हायर सेकेण्डरी स्कूल का मॉनिटरिंग करके दिखावा किया जा रहा. ऐसे में प्राथमिक स्कूल के बच्चों की चिंता कौन करेगा.

प्राप्त जानकारी के अनुसार एकल शिक्षकीय सबसे अधिक स्कूल बगीचा ब्लॉक के हैं इस ब्लॉक के 54 एकल शिक्षकीय स्कुल के 1432 विद्यार्थी है
मनोरा के 22 एकल शिक्षकीय स्कुल के 347,कांसाबेल 6 एकल शिक्षकीय स्कुल के 183,कुनकुरी 6 एकल शिक्षकीय स्कुल 160,पत्थलगांव 4 एकल शिक्षकीय स्कुल के 158,दुलदुला 13 एकल शिक्षकीय स्कुल के 372
जशपुर के 16 एकल शिक्षकीय स्कुल 374,फरसा बाहर के 19 एकल शिक्षकीय स्कुल 483 बच्चे प्रभावित है

शिक्षक विहीन स्कूल भी जिले में है जो कि भगवान भरोसे संचालित हो रहे है इनमे बगीचा का प्राथमिक शाला अम्बाडांड 27 बच्चों पर एक भी शिक्षक नहीँ है, मनोरा प्राथमिक शाला बंदकोना में 6 बच्चे,प्राथमिक शाला महरंगपाठ में 22 बच्चे पर शिक्षक नहीँ है,मनोरा के ही प्राथमिक शाला कोरकोटोली में बच्चे है नहीँ लेकिन एक शिक्षक है, वहीँ जशपुर ब्लॉक में प्राथमिक शाला भेलवाडीह, मऊटोली, हरिजनपारा, लकराकोना, हाथीसार में ना स्टूडेंट है ना टीचर, ऐसे में शिक्षा का क्या हाल होगा कहना मुश्किल है.

बगीचा के जनपद सदस्य विपिन सिंह ने कहा कि सर्वाधिक प्रभावित बच्चे बगीचा पाठ क्षेत्र के है उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग ने इस शैक्षणिक सत्र में ध्यान नहीँ दिया जिससे बच्चों के भविष्य में खतरा पड़ गया है स्कुल शिक्षा विभाग के अधिकारी बोर्ड परीक्षा परिणाम सुधारने में व्यस्त रहे लेकिन बच्चों की नींव सुधारने विभाग के अधिकारियों ने रूचि नहीँ दिखाई.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page