रायपुर

छत्तीसगढ़ कांग्रेस का केंद्र सरकार पर निशाना :81 करोड़ जनता के राशन में 50% की कटौती

छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को लेकर केंद्र की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। मामले में कई बड़े आरोप लगाए हैं। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि नववर्ष 2023 की शुरुआत इस निराशाजनक खबर के साथ हुई कि प्रधानमंत्री मोदी के मंत्रिमंडल ने ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई)’ को बंद कर दिया है।

इससे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के लाभार्थियों को 5 किलोग्राम अतिरिक्त अनाज मिलता था। पिछले दो वर्षों से 81 करोड़ भारतीय 10 किलोग्राम खाद्यान्न के पात्र थे, लेकिन अब उन्हें केवल 5 किलोग्राम अनाज मिलेगा यानि राशन में अचानक 50 प्रतिशत की कटौती। आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने गरीबों के लिए यह घातक निर्णय राज्य सरकारों से परामर्श किए बगैर और संसद में कोई चर्चा किए बिना ही लिया है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत गरीबों के लिए मुफ्त 5 किलो अनाज को ऐतिहासिक निर्णय बताकर वाहवाही का झूठा ढोल पीट रही है। वास्तविकता यह है कि इस निर्णय की मुख्य लाभार्थी मोदी सरकार स्वयं है, जिसे 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक की बचत होगी, न कि राशन कार्ड धारक, जिनके खर्च में वृद्धि होगी।

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि गंभीर आर्थिक बदहाली के कारण मोदी सरकार को कोविड-19 महामारी के दौरान अतिरिक्त राशन देने के लिए मजबूर होना पड़ा था। यह आर्थिक बदहाली आज भी बनी हुई है। यूपीए सरकार के समय की तुलना में आज हर बुनियादी आवश्यकता अधिक महंगी है, अधिकांश भारतीयों की आय में वृद्धि नहीं हुई है, और बेरोजगारी रिकॉर्ड स्तर पर है। “हंगर वॉच“ सर्वेक्षण में पाया गया है कि 80 प्रतिशत लोग किसी न किसी रूप में खाद्य असुरक्षा का अनुभव कर रहे हैं। भारत आज ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2022 के अनुसार 121 देशों की सूची में 107वें स्थान पर है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि यूपीए सरकार द्वारा सितंबर 2013 में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री (वर्तमान प्रधानमंत्री मोदी) की आपत्तियों के बावजूद भोजन के अधिकार को कानूनी जामा पहनाकर यह सुनिश्चित किया गया कि कोई भी भारतीय भूखा न रहे। अर्थव्यवस्था के कुप्रबंधन के कारण पैदा हुई व्यापक संकट की वर्तमान स्थिति में मोदी सरकार को इस सिद्धांत (कोई भारतीय भूखा न रहे) की कसौटी पर खरा उतरना चाहिए।

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