ब्रेकिंग न्यूज़ :- कांग्रेस के मुख्यमंत्री ने की तत्काल प्रदेश में जाति जनगणना करवाने की घोषणा… देखिये आदेश..
जाति के अनुसार योजना बनाना आसान होगा
राहुल गांधी बार-बार कह रहे हैं, जितनी जिसकी जनसंख्या है उसकी भागीदारी उतनी होनी चाहिए.
बिहार के जाति गणना होने के उपरान्त अब राज्य में जाति की जनगणना करवाने का फैसला लिया है
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने शुक्रवार रात को बिहार की तरह राजस्थान में भी जाति आधारित गणना करवाने की घोषणा की. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वार रूम में शुक्रवार को कांग्रेस की कोर कमेटी की बैठक में जाति आधारित गणना, पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना यात्रा सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई.
मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि, राजस्थान सरकार भी बिहार की तरह जाति आधारित गणना करवायेगी। सीएम ने कहा, राहुल गांधी बार-बार कह रहे हैं, जितनी जिसकी जनसंख्या है उसकी भागीदारी उतनी होनी चाहिए. हम इस अवधारणा को आगे बढ़ाएंगे. इसलिए हमने फैसला किया है कि, पार्टी के निर्णय को ध्यान में रखते हुए राजस्थान सरकार को इस अभियान की घोषणा करनी चाहिए। हमारी पार्टी की जो मंशा है वो सामने लायी जानी चाहिए,बैठक में प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर रंधावा, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और अन्य नेता मौजूद रहे।
सीएम अशोक गहलोत ने अब जातिगत जनगणना की जगह सर्वे करवाने की घोषणा की है। गहलोत ने कहा, ‘हम सर्वे करवाएंगे, इसके आदेश तो तत्काल हो जाएंगे। गहलोत शनिवार को जयपुर में मीडिया से बातचीत कर रहे थे।’ गहलोत ने कहा, ‘सर्वे होगा, जनगणना तो भारत सरकार करवा सकती है, वह राज्य सरकार नहीं करवा सकती।सीएम गहलोत ने आगे कहा कि, देश के अंदर विविध जातियां है. विविध धर्म के लोग रहते हैं, जातियां अलग-अलग काम करती हैं, तो अगर मालूम पड़ेगा कि किस जाति की कितनी जनसंख्या है, तो हमें क्या योजनाएं इनके लिये बनानी हैं, हमारे लिए जाति के अनुसार योजना बनाना आसान हो जाएगा.एक आकलन के मुताबिक वर्तमान में राजस्थान की आबादी करीब 8 करोड़ है. इसमें से ओबीसी समुदाय की संख्या लगभग आधी यानी 4 करोड़ के करीब मानी जाती है. ओबीसी में मुख्य रूप से जाट, माली, कुमावत, यादव सहित 50 से अधिक जातियां शामिल हैं.
राज्य में लागू आरक्षण की स्तिथि
कांग्रेस का मानना है कि जातिगत जनगणना हो, ताकि जाति के आधार पर जिसका जितना हक है, उसे मिल सके. अभी तो राजस्थान में ओबीसी को 21%, एससी को 16%, एसटी को 12%, ईडब्ल्यूएस को 10% और एमबीसी को 5% आरक्षण है. ओबीसी का आरक्षण 27% करने के बाद प्रदेश में कुल 70% आरक्षण हो जाएगा.