केंद्र सरकार ने दिया किसानों को दिवाली तोहफा; 6 फसलों का बढ़ाया समर्थन मूल्य
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केंद्र की मोदी सरकार ने दिवाली से पहले किसानों को बड़ा गिफ्ट दिया है। मोदी सरकार ने बुधवार (16 अक्टूबर) को रबी फसलों की MSP बढ़ा दी है। केंद्र सरकार ने 2025-26 सीजन के लिए रबी की 6 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी की घोषणा की है। इस फैसले के तहत अलग-अलग फसलों के MSP में वृद्धि की गई है, जिससे किसानों को उनकी फसलों के बेहतर दाम मिल सकेंगे।
सरकार ने किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य दिलाने के मकसद से यह कदम उठाया है। इसके बारे में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि रबी फसलों की एमएसपी बढ़ाई गई है। सरकार ने किसानों के कल्याण से जुड़ा आज सबसे बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के हित को ध्यान में रखकर काम कर रही है। रबी विपणन सत्र के लिए एमएसपी को मंजूरी दे दी गई है। सबसे बड़ी बात यह है कि फसल की कीमत लागत से 50 प्रतिशत अधिक होनी चाहिए।
किस फसल में कितनी MSP बढ़ी
गेहूं में 150 रुपये की बढ़ोतरी: गेहूं का MSP ₹2,425 प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जो पहले ₹2,275 था।
जौ में 130 रुपये की बढ़ोतरी: जौ का MSP ₹1,980 प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जो पहले ₹1,850 था।
चना में 210 रुपये की बढ़ोतरी: चना का MSP ₹5,650 प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जो पहले ₹5,440 था।
मसूर में 275 रुपये की बढ़ोतरी: मसूर (लेंस) का MSP ₹6,700 प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जो पहले ₹6,425 था।
सरसों में 300 रुपये की बढ़ोतरी: सरसों का MSP ₹5,950 प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जो पहले ₹5,650 था।
कुसुम (सफ्लॉवर) में 140 रुपये की बढ़ोतरी: कुसुम का MSP ₹5,940 प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जो पहले ₹5,800 था।
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केंद्र सरकार के कर्मचारियों का डीए भी बढ़ाया
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए डीए में 3% बढ़ोतरी और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई राहत को मंजूरी दे दी है। अब केंद्र सरकार के कर्मचारियों की तनख्वाह में सालाना कुल 9448 करोड़ रुपये जुड़ेंगे।
देश में 11 करोड़ किसान PM किसान योजना के लाभार्थी
देश में किसानों की वास्तविक संख्या कितनी है यह बता पाना मुश्किल काम है, लेकिन जुलाई 2024 तक देश में पीएम-किसान योजना के तहत 11 करोड़ से ज़्यादा किसानों ने लाभ लिया है। इन सरकारी आंकड़ों के आधार पर कहा जा सकता है कि मोदी सरकार का फैसला किसानों के हित में दिख रहा है।
देश के सभी 11 करोड़ किसान उन फसलों की खेती नहीं करते जिनका सरकार ने एमएसपी बढ़ाया है। फिर भी सरकार अपने फैसले से किसानों का दिल जीतने का काम करना चाहती है। इसका लाभ उसे महाराष्ट्र और झारखंड के चुनावों में मिल सकता है।
MSP क्या होता है?
MSP का मतलब मिनिमम सपोर्ट प्राइस होता है। हिंदी में इसको न्यूनतम समर्थन मूल्य कहा जाता है। एमएसपी किसानों को फसलों पर दिया जाता है, और इसका उद्देश्य किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना होता है। सरकार किसी फसल के लिए जो MSP निर्धारित करती है उससे कम दाम पर फसल को नहीं खरीदा जा सकता। अगर कोई व्यापारी ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। जैसे सरकार ने गेहूं की MSP 2,425 रुपये प्रति क्विंटल तय कर दी है तो इससे कम पैसों में फसल खरीदना गैर कानूनी होगा। हालांकि इस दाम के ऊपर फसल को खरीदा जा सकता है।