कल से सस्ती होगी CNG, सरकार ने बदला कीमत तय करने का तरीका अब हर महीने होगी कीमत तय
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को पाइप्ड नेचुरल गैस ( PNG) और कॉम्प्रेस्ड नेचुरल गैस ( CNG) के दाम तय करने के नए फॉर्मूले को मंजूरी दे दी। गैस की कीमत को इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड के इंडियन बास्केट से जोड़ दिया गया।इस फैसले के बाद शनिवार 8 अप्रैल से CNG और PNG दोनों के दाम कम हो सकते हैं। इससे PNG की कीमत में करीब 10% और CNG की कीमत में 5 से 6 रुपए प्रति किलो की कमी आने का अनुमान लगाया जा रहा है।केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘घरेलू नेचुरल गैस की कीमत को अब अंतरराष्ट्रीय हब गैस की जगह इंपोर्टेड क्रूड के साथ लिंक कर दिया गया है। गैस की कीमत अब भारतीय क्रूड बास्केट के अंतरराष्ट्रीय दाम का 10% होगी। ये हर महीने तय किया जाएगा।’ठाकुर ने कहा कि नया फॉर्मूला कंज्यूमर्स और प्रोड्यूसर्स दोनों के हितों के बीच बैलेंस बनाएगा। अभी, गैस की कीमतें न्यू डोमेस्टिक गैस प्राइसिंग गाइडलाइन्स, 2014 के अनुसार तय की जाती है। कीमतों में बदलाव 1 अप्रैल और 1 अक्टूबर को होता है।नए फॉर्मूले के तहत हर महीने गैस की कीमत तय की जाएगी। पुराने फॉर्मूले के तहत हर 6 महीने में गैस की कीमत तय की जाती रही। वहीं, अब घरेलू नैचुरल गैस की कीमत के लिए इंडियन क्रूड बास्केट की पिछले एक महीने की कीमत को आधार बनाया जाएगा।पुराने फॉर्मूले के तहत दुनिया के चारों गैस ट्रेडिंग हब (हेनरी हब, अलबेना, नेशनल बैलेसिंग प्वाइंटर (UK) और रूसी गैस) के पिछले एक साल की कीमत (वॉल्यूम वेटेड प्राइस) का औसत निकाला जाता है और फिर इसे लागू किया जाता है।
- नई पॉलिसी से गैस प्रोड्यूसर को बाजार में उतार चढ़ाव से नुकसान नहीं होगा। कंज्यूमर को भी फायदा मिलेगा
- नए फॉर्मूले के तहत गैस की कीमत तय होने से फर्टिलाइजर और पावर सेक्टर को भी सस्ती गैस मिल सकेगी
- एनर्जी सेक्टर को सस्ती गैस मिलेगी। इसके साथ घरेलू गैस प्रोड्यूसर देश को ज्यादा उत्पादन करने के लिए बढ़ावा मिलेगा
- सरकार का टारगेट 2030 तक देश में नेचुरल गैस की हिस्सेदारी मौजूदा 6.5% से बढ़ाकर 15% करना है
- इस कदम से एमिशन रिडक्शन और नेट ‘जीरो’ के सरकार के टारगेट को हासिल करने में मदद मिलेगी
नया फॉर्मूला इकोनॉमिस्ट किरीट पारिख के नेतृत्व में अक्टूबर 2022 में बनाए एक पैनल की सिफारिशों पर आधारित है। गैस के दामों में अचानक आई तेजी के कारण उन्हें प्राइसिंग पॉलिसी को रिव्यू करने का काम सौंपा गया था। दरअसल, घरेलू गैस की कीमतें अक्टूबर 2020 में 1.79 डॉलर प्रति यूनिट से बढ़कर अक्टूबर 2022 में 8.57 डॉलर हो गई थी। इसका कारण गैस की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में आई तेजी थी।किरीट पारिख, ने 30 नवंबर 2022 को अपनी रिपोर्ट पेश की थी। इसमें प्रपोज किया गया था की ONGC और OIL की ओर से ऑपरेट की जाने वाली पुरानी APM फील्ड से प्रोड्यूज नेचुरल गैस के लिए फ्लोर प्राइस यानी मिनिमम प्राइस 4 डॉलर प्रति यूनिट और सीलिंग प्राइस यानी अपर प्राइस कैप 6.5 डालर की सीमा में होना चाहिए। भारत काफी हद तक ऊर्जा के आयात पर निर्भर है। यह 85% से ज्यादा कच्चे तेल का आयात करता है और 55% नेचुरल गैस इंपोर्ट करता है।कैबिनेट मीटिंग में नई स्पेस पॉलिसी को भी मंजूरी मिली है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि कैबिनेट ने नेशनल स्पेस पॉलिसी 2023 को मंजूरी दे दी है। इस पॉलिसी के तहत इसरो, न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड और प्राइवेट सेक्टर एंटिटीज जैसे ऑर्गेनाइजेशंस का रोल और जिम्मेदारियां तय की गई हैं।उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले ही स्पेस जोन को प्राइवेट कंपनियों के लिए खोल दिया था, ताकि इस सेक्टर में भागीदारी को बढ़ावा दिया जा सके। सिंह ने कहा कि इस पॉलिसी का उद्देश्य डिपार्टमेंट ऑफ स्पेस के रोल को बढ़ाना है। इसके अलावा ISRO मिशन की एक्टिविटी एंड रिसर्च, एजुकेशन, स्टार्टअप एंड इंडस्ट्रीज की भागीदारी को भी बढ़ावा देना है।