जशपुर

हार्टीकल्चर अधिकारी तोमर के खिलाफ शिकायत की जाँच करेगी कमेटी, कलेक्टर ने किया आदेश, विभागीय कर्मचारियों ने की थी कलेक्टर से शिकायत

हार्टीकल्चर के सहायक संचालक आर.एस तोमर के खिलाफ विभागीय कर्मचारियों की शिकायत पर कलेक्टर ने जाँच बैठा दिया है

कलेक्टर ने आदेश में लिखा है कि सहायक संचालक उद्यान, आर. एस. तोमर अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के प्रति अनुचित कृत्य एवं दुर्व्यवहार किये जाने एवं कंडिका 1 से 17 में अंकित शिकायत के माध्यम से परेशान किया जा रहा है। इस प्रकार कर्मचारियों के प्रति अनुचित कृत्य एवं दुर्व्यवहार किये जाने में प्राप्त शिकायत की जांच हेतु श्री खेस्स, डिप्टी कलेक्टर, जशपुर की अध्यक्षता में निम्नानुसार जाँच समिति गठित की जाती है:-

1. श्री पी.व्ही. खेस्स, डिप्टी कलेक्टर, जशपुर (छ.ग.)अध्यक्ष
2. श्री जी. पी घिदौडे, जिला कोषालय अधिकारी, जशपुर (छ.ग.) सदस्य
3. श्री कवच भगत, सहायक संचालक, कृषि, जशपुर (छ.ग.) सदस्य
4. श्री संतोष चौहान, अधीक्षक, उद्यान दुलदुला जशपुर (छ.ग.) सदस्य

उन्होंने जांच दल को निर्देशित किया जाता है, कि उक्त जांच 07 दिवस में पूर्ण कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करें।

क्या कहते है शिकायतकर्ता

ज्ञात हो कि उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक उद्यान आर एस तोमर के खिलाफ उनके विभाग के ही कर्मचारियों ने मोर्चा खोल दिया है। मामले में कर्मचारियों ने मंगलवार को कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल को 17 बिन्दुओं पर दो पेज की शिकायत कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। मामले की शिकायत करने 30 से ज्यादा कर्मचारी कलेक्ट्रेट पहुंचे थे। कर्मचारियों ने अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाए है। शिकायतकर्ता कर्मचारी मंगलदीप माली, ईश्वर प्रसाद, जोहनराम, रामदुलार ने बताया कि हर समीक्षा बैठक में सहायक संचालक उद्यान आरएस तोमर के द्वारा छग के लोग भूखे नंगे होते है कहकर फजीहत कर अपमानित किया जाता है। इससे कर्मचारियों में रोष व्याप्त है। यहीं नहीं अधिकारी के द्वारा विभागीय योजनाओं से लाभान्वित हितग्राही किसानों से वसूली के लिए दबाव बनाया जाता है। ऐसा नहीं करने पर उद्यान में कार्यरत अधिकारी कर्मचारियों का वेतन रोक दिया जाता है। वही वेतन निकलवाने के एवज में 20 प्रतिशत राशि ली जाती है। इससे कर्मचारी अधिकारी के रवैये से हलाकान है। कर्मचारी रामकृष्ण पैकरा, अनंतराम रघुनाथ साय ने बताया कि वार्षिक वेतन वृद्धि और पात्र समय मान की स्वीकृति के लिए प्रत्येक कर्मचारियों से 30 प्रतिशत कमीशन के लिए दबाव बनाया जाता है। इसके चलते 6 महीने बाद भी आज तक वेतन वृद्धि की स्वीकृति नहीं मिली है। इस मौके पर जिरमिनियुस, अनंतराम, सघनूराम, रामदुलार राम, रघुनाथ राम, बोधसाय माली, जुलियस, ईश्वर प्रसाद, जोहनराम, मंगलदीप, बिरंचीराम, अमरसाय, प्रोविन्दराम सहित बड़ी संख्या में कर्मचारी मौजूद थे।
बार- बार कारण बताओं नोटिस जारी कर कर्मचारियों को किया जाता है प्रताड़ित
इसी तरह प्रतिदिन अनावश्यक रुप से अलग- अलग कर्मचारियों को पत्राचार कर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने कहा जाता है।जिसके चलते कर्मचारी अधिकारी मानसिक रुप से परेशान है। फील्ड और कार्यालयीन कार्य के साक्ष्य के लिए जीपीएस युक्त फोटोयुक्त अनिवार्य रुप से प्रस्तुत करने कहा जाता है। नहीं हो पाने पर अनुपस्थित कर दिया जाता है। कारण बताओं नोटिस बार- बार जारी किया जाता है। मुख्यालय में रहने के बावजूद स्थापना शाखा से फर्जी हस्ताक्षर कर बेक डेट में पत्र जारी उपस्थिति बताकर स्पष्टीकरण मांगकर प्रताडित किया जाता है।
दूसरे जिले से खरीदी कर स्टॉक एंट्री कराकर वेंडर को पेमेंट कर शासकीय राशि का दुरुपयोग किया जाता है.कर्मचारियों ने बताया कि पूर्व में स्वीकृत सामुदायिक मिश्रित फलोद्यान में विभागीय सामुदायिक फेंसिग योजना को लागू करने दबाव बनाया जाता है। साथ ही पत्र जारी कर वेतन रोकने की कार्रवाई भी की जा चुकी है। सभी खंड स्तर की नर्सरियों में पौध उत्पादन और रोपणी प्रबंधन के नाम से संबंधित रोपणी प्रभारी को कोई भी सामग्री क्रय करने की अनुमति नहीं दी जाती है। और आकस्मिक व्यय के देयक प्रस्तुत करने पर उसे खारिज कर दिया जाता है। रोपणी में आवश्यक सामग्रियों का क्रय स्वयं मनमानी ढंग से निम्न गुणवत्ता युक्त वस्तुओं का दूसरे जिलों से खरीदी कर जबरन स्टॉक एंट्री कराकर संबंधित वेंडर को पेमेंट कर शासकीय राशि का दुरुपयोग किया जाता है।
कर्मचारियों ने बताया कि शासन की सभी योजनाओं का प्रत्यक्ष लाभार्थी हस्तांतरण का प्रावधान होने के बावजूद इनके द्वारा नियम के विरुद्ध निम्न स्तर के सामग्री बीज, खाद, दवा क्रय कर बेंसीजन में किसानों को वितरण के लिए दबाव बनाकर पावती मांगा जाता है। विभागीय गैर विभागीय अनौपचारिक कार्य के लिए कर्मचारियों से चंदा कर कार्य सम्पादित करने कहा जाता है। वही अधिनस्थ कर्मचारियों से अपने वाहन में ईंधन और निजी खर्च के लिए दबाव बनाया जाता है। कर्मचारियों से गाली गलौच कर अभद्रता पूर्ण तरीके से बात करते है। विरोध करने पर सीआर खराब करने की धमकी भी दी जाती है। दैनिक वेतन भोगी ओर महिला कर्मचारियों से भी अभद्र व्यवहार किया जाता है। काम में आने के बावजूद वाइटनर लगाकर उपस्थिति पंजी में अनुपस्थित का मार्क कर दिया जाता है। वही काम से निकालने की धमकी दी जाती है। इससे कर्मचारी परेशान है।

क्या है शिकायत

1. विभागीय योजनाओं से लाभान्वित हितग्राही कृषकों से वसूली हेतु दबाव बनाया जाता है एवं उद्यान में कार्यरत अधिकारी कर्मचारियों का समय समय पर पहले वेतन रोका जाता है तत्पश्चात् सम्बन्धित से वेतन निकालने के एवज में वेतन से 20 प्रतिशत राशि की मांग की जाती है।

2. छत्तीसगढ़ के लोग भूखे और नंगे होते हैं यह कथन श्रीमान जी के द्वारा प्रत्येक समीक्षा बैठक में सभी के समक्ष कहा जाता है एवं स्थानिय कर्मचारियों का अवमानना कर मानहानि किया जाता है।

3. कर्मचारियों के वार्षिक वेतन वृद्धि एवं पात्र समय मान की स्वीकृति के लिए प्रत्येक से 30 प्रतिशत कमिशन हेतु दबाव बनाया जाता है, जिस वजह से 6 माह पश्चात भी आज दिनांक तक वेतन वृद्धि की स्वीकृति नहीं मिली है।

4. श्रीमान जी के द्वारा प्रतिदिन अनावश्यक रूप से अलग अलग कर्मचारियों को अलग अलग पत्राचार कर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने को कहा जाता है जिसकी वजह से मानसिक तनाव उत्पन्न किया जाता है।

5. इनके द्वारा सभी कर्मचारियों से प्रतिदिन के फिल्ड एवं कार्यालयीन कार्य के साक्ष्य हेतु जी.पी.एस. युक्त फोटोग्राफ अनिवार्यतः प्रस्तुत करने को कहा जाता है एवं किसी कारणवश कार्य के जी.पी.एस युक्त फोटोग्राफ नहीं प्रस्तुत कर पाने पर अनुपस्थित कर दिया जाता है एवं तत्संबंध में कारण बताओ नोटिस बार बार जारी किया जाता है।

6. पूर्व में स्वीकृत सामुदायिक मिश्रित फलोद्यान में विभागीय सामुदायिक फेंसिग योजना को लागू करने का दबाव बनाया जाता है और तत्संबंध में पत्र जारी कर वेतन रोकने की कार्यवाही भी की जा चुकी है।

7. जिला भर के सभी अधिकारी / कर्मचारी / माली आदि के माह जून 2023 के वेतन भुगतान कार्य करने पर भी आज दिनांक तक अकारण नहीं किया गया है।

8. सभी खण्ड स्तर की नर्सरियों में पौध उत्पादन एवं रोपणी प्रबंधन के नाम से संबंधित रोपणी प्रभारी को कोई भी सामग्री क्रय करने की अनुमति नहीं दी जाती है एवं आकस्मिक व्यय के देयक प्रस्तुत करने पर उसे खारिज कर दिया जाता है।

9. रोपणी में आवश्यक सामग्रियों का क्रय स्वयं मनमानी ढंग से निम्न गुणवत्ता युक्त वस्तुओ का अन्यत्र जिलों से खरीदी कर जबरन स्टॉक एन्ट्री कराकर संबंधित वेंण्डर को पेमेण्ट कर शासकीय राशि का दुरूपयोग किया जाता है।

10. मुख्यालय में अनुपस्थित रहने के पश्चात भी स्थापना शाखा से फर्जी हस्ताक्षर कर बेक डेट पे पत्र जारी कर अपनी उपस्थिति प्रदर्शित कर निम्न कर्मचारियों को स्पष्टीकरण मांगकर मानसिक प्रताड़ना दिया जाता है।

11. शासन की समस्त योजनाओ का प्रत्यक्ष लाभार्थी हस्तांतरण का प्रावधान होने के बावजूद इनके द्वारा नियम के विरूद्ध निम्न स्तर के सामग्री बीज, खाद, दवा क्रय कर बेंसीजन में कृषकों को वितरण हेतु दबाव बनाकर पावती मांगा जाता है।

12. विभागीय / गैर विभागीय / अनौपचारिक कार्य के लिए कर्मचारियों से चन्दा कर कार्य सम्पादित करने को कहा जाता है एवं अधिनस्त कर्मचारियों से अपने वाहन में इंधन एवं निजी खर्च के लिए दबाव बनाया जाता है।

13. रोपणियों में किसी भी प्रकार के कार्य जैसे बीजोत्पादन पौधउत्पादन आदि हेतु समय पर कोई भी अग्रिम राशि नहीं दी जाती है एवं समायोजन करने पर कार्य का कुल राशि से 30 प्रतिशत कमिशन का मांग किया जाता है।

14. रोपणियों में कार्यरत सभी निम्न वर्ग के कर्मचारियों से अभद्र व्यवहार एवं अनर्गल शब्दों जैसे रे,बे एवं अन्य अशोभनिय गालियों का प्रयोग किया जाता है एवं प्रतिउत्तर देने पर संबंधित से सी.आर. खराब करने की धमकी दी जाती है।

15. अधिनस्त कर्मचारियों के द्वारा कोई भी डाक जमा करने पर आवकपंजी शाखा में एन्ट्री से पूर्व पत्र को स्वयं के पास अवलोकन करने के लिए मंगाया जाता है, जहां उक्त पत्र उनके अनुरूप होने पर ही उसे स्वीकार कर आवक किया जाता है अन्यथा उसे अकारण वापस कर दिया जाता है।

16. ऐसे कर्मचारी जो उनकी मांग के अनुसार उनके गलत कार्यों को स्वीकार करते हुए समर्थन करता है वह उनकी मापदंड में उत्कृष्ठ होता है अन्यथा बहिस्कार करने पर अयोग्य एवं निष्क्रिय माना जाता है।

17. दैनिक वेतन भोगी एवं महिला कर्मचारियों से भी अभद्र व्यवहार किया जाता है एवं कार्य पर उपस्थित होते हुए भी उनकी उपस्थिति पंजी में सफेदा चलाकर अनुपस्थित मार्क किया जाता है तथा कार्य से निकालने की बार बार धमकी दी जाती है

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