नारायणपुर

ग्रामीणों की आस्था और सांस्कृतिक धरोहर देवगुड़ी का हो रहा तेजी से कायाकल्प

देवगुड़ी ग्रामीणों की आस्था और सांस्कृतिक धरोहर, जिसका जीर्णाेद्धार ग्रामवासी की सहमति से हो रहा

नारायणपुर के हर गांव में एक देवगुड़ी है, हर गांव के एक विशिष्ट देवी या देवता हैं। गांव के पुजारी यहां हर खास मौके पर अनुष्ठान करते हैं। जिसका संरक्षण करने का बीड़ा मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने उठाया है। ग्रामीणों की मांग पर नारायणपुर प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री ने नारायणपुर जिले के सभी ग्राम पंचायतों में देवगुड़ी बनाने की घोषणा की थी, भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान उन्होंने भूमिपूजन भी किया था। जिला प्रशासन द्वारा देवगुड़ी  जीर्णाेद्धार कार्य को ग्रामवासी की सहमति से किया जा रहा है और इसकी मोनिटरिंग भी की जा रही है।
आदिवासी हमारे देश की प्राचीन सभ्यता, संस्कृति, लोक जीवन के वाहक है। आदिवासी समाज आज भी उन सभ्यता, संस्कृति को सहेजने में लगा हुआ है। उन सभ्यता और संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन में राज्य सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। शासन की मंशानुरूप देवगुड़ी में वे सभी सुविधायें उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे आदिवासी समाज के लोग एक स्थान पर एकत्रित होकर अपने अनुष्ठान या धार्मिक कार्य को मूर्त रूप दे सकें। नारायणपुर प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री श्री बघेल ने देवगुड़ी निर्माण की आधारशीला रखी थी। इस अवसर पर उन्होंने कहा था कि देवगुड़ी का निर्माण ग्रामवासियों की मंशानुरूप ही किया जायेगा।
जिला प्रशासन द्वारा जिले के प्रत्येक गांव में देवगुड़ी निर्माण कार्य कराया जा रहा है। देवगुड़ी में पेयजल, बिजली, सोलर लाईट, हाईमास्ट, गार्डन आदि व्यवस्थित तरीके से बनाये जा रहे हैं। देवगुड़ी में बिजली की व्यवस्था होने से अब ग्रामीणों को रात्रि में अपने अनुष्ठान, पूजा-पाठ करने में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं हो रही है। दूसरी ओर बाहरी क्षेत्र में सोलर लाईट लग जाने से अब ग्रामीण व बच्चे शाम के समय भी बिना किसी डर के आकर अपना कार्य कर रहे है। वहीं बच्चे भी शाम को देवगुड़ी परिसर में खेलते नजर आते हैं। हाईमास्ट लग जाने से देवगुड़ी परिसर के चारो ओर रौशनी ही नजर आती है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में शहरों जैसी सुविधायें देने के लिए हम प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को साधुवाद देते है।

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