काम में असमर्थ दिव्यांग कर्मचारियों को जीवित रहने तक मिल सकेगा बिना काम किये वेतन, शिक्षा विभाग ने किया आदेश
हाल ही में स्कुल शिक्षा विभाग ने ऐसा आदेश जारी किया जिससे अब विकलांगता कि स्थिति में ड्यूटी में असमर्थ शासकीय कर्मचारियों को वेतन भत्ता मिल सकेगा
ज्ञात हो कि लम्बे समय से स्वास्थ्य समस्या के कारण अशासकीय अनुदान प्राप्त ज्योति कन्या घाघरा स्कुल के शिक्षक कुमार धनंजय सुमन के परिवार में वित्तीय स्थिति ख़राब हो गईं उन्हें वेतन भी नहीं मिल रहा था जिसके कारण परिवार परेशान हो गया उनके इलाज के लिए भी समस्या उत्पन्न हो गईं थी
परिवार से जुड़े लोगों ने उनके वेतन भत्तों के लिए कार्यालय का चक्कर लगाया पर समस्या यथावत बनी रही ऐसे में दूत बनकर उनके मित्र सत्येंद्र सिंह “सत्तू” ने जशपुर और रायपुर के शिक्षा विभाग कार्यालय जाकर शिक्षा सचिव और संचालक से कुमार धनंजय सुमन के वेतन और अन्य भत्तों के लिए मिले और विभाग के उच्च अधिकारी ने ऐसा आदेश जारी कर दिया कि शिक्षक श्री सुमन के परिवार की समस्या दूर हो गईं साथ ही शासन द्वारा किया गया आदेश अन्य दिव्यांग कर्मचारियों के लिए नजीर साबित होगा.
छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय महानदी भवन, नया रायपुर के आदेश दिनांक 01/08/2023 के अनुसार शासकीय अनुदान प्राप्त संस्था डाटर्स आफ सेंट एन एशोसिएशन कुनकुरी द्वारा संचालित प्रवृत्ति ज्योति कन्या उ.मा.वि. घाघरा, जिला- जशपुर में व्याख्याता (गणित) के पद पर पदस्थ कुमार धनंजय सुमन को जिला मेडिकल बोर्ड जशपुर द्वारा 90% प्रतिशत शारीरिक विकलांगता प्रमाण पत्र जारी किया गया है।
राज्य शासन एतद् द्वारा छ.ग. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञापन कं. / एफ 16-2/2004/1/3, दिनांक 01.10.2005 में जारी निर्देश की कंडिका-4 में निहीत प्रावधान अनुसार कुमार धनंजय सुमन, व्याख्याता गणित (दिव्यांग), प्रवृत्ति ज्योति कन्या उ.मा.वि. घाघरा, जिला – जशपुर के जीवित रहने तक अथवा अधिवार्षिकीय आयु पूर्ण होने तक बिना शासकीय कार्य निवर्हन के वेतन भुगतान करने की स्वीकृति है
क्या था माँग
उनकी पत्नी ने विभाग को पत्र लिखा था कि कुमार धनंजय सुमन (दिव्यांग) ज्योति बालिका उ०मा०वि० घाघरा वि०ख० मनोरा, जिला- जशपुर (छ.ग.) में विगत 28 वर्षों से व्याख्याता (गणित) के पद पर पदस्थ होकर कार्यरत रहे कार्यरत रहने के दौरान इन्होंने पूरी ईमानदारी और लगन के साथ अध्यापन कार्य किये जिनके परिणामस्वरूप बोर्ड परिक्षाओं के रिजल्ट अच्छे और बेहतर आये और प्रशंसा के पात्र भी रहे हैं।
विद्यालय में कार्यरत रहने के दौरान मेरे पति को दिनांक 27/08/2020 को अचानक ब्रेन स्ट्रोक हो जाने के कारण पूरा शरीर लकवाग्रस्त (निःशक्त) हो गया है। पति चलने-फिरने, बोलने, अपने नित्य कार्यों को करने में असमर्थ हैं। माह अप्रैल 2022 से आज पर्यन्त तक का वेतन विद्यालय की – ओर से प्रदान नहीं किये जा रहे हैं। वेतन न मिलने के स्थिति में पति के ईलाज करवाने में भारी कठिनाई का सामना करने के साथ ही अपने (हमारे दो बच्चों (एक पुत्र और एक पुत्री) के उच्च शिक्षा में काफी व्यवधान और परेशानियाँ उत्पन्न हो गई है। मेरे पास आय का कोई स्त्रोत व साधन नहीं है। मेरे पति को जिला मेडिकल बोर्ड जशपुर के द्वारा 90% प्रतिशत शारीरिक विकलांगता प्रमाण पत्र जारी किया गया है छ0ग0 शासन के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा पत्र क्रमांक एफ 16-2/2004/1/3, दिनांक 01.10.2005 में जारी निर्देश की कंडिका-4 में निहीत प्रावधान अनुसार कर्मचारी को सेवा के दौरान शारीरिक निःशक्त हो जाने पर उसके जीवित रहने तक अथवा अधिवार्षिकीय आयु पूर्ण होने तक बिना कार्य निवर्हन के वेतन भुगतान करने की स्वीकृति दिया गया है।
उक्त स्थिति को देखते हुये मार्मिक दृष्टिकोण अपनाते हुये, शासन के द्वारा निःशक्तता के आधार पर दिये गये आदेश का पालन करते हुये हमारे पति के शारीरिक निःशक्तता के आधार पर वेतन भुगतान करने की स्वीकृति दिये जाने की कृपा करें। उनकी माँग को गंभीरता से लेकर दिव्यांग कर्मचारियों को बिना काम किये वेतन दिए जाने का आदेश जारी हुआ है जिससे कुमार धनंजय सुमन के परिवार को अब राहत मिली है