पहले चरण के लिए ई डाक मतपत्र किया गया जारी, जानिए कितने है वोटर, पढ़िए पूरी खबर….
सेवा मतदाता 31 अक्टूबर तक कर सकेंगे ई-डाक मतपत्र डाउनलोड
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय द्वारा प्रथम चरण के निर्वाचन हेतु ई-डाक मतपत्र के माध्यम से मतदान की विभिन्न प्रक्रियाओं के लिए तिथियों का निर्धारण किया गया है। प्रथम चरण के लिए पंजीकृत 4 हजार 515 सेवा मतदाताओं को ई-डाक मतपत्र जारी किया गया है। आयोग के निर्देशानुसार प्रथम चरण के निर्वाचन के लिए नाम वापसी के बाद से ठीक 24 घंटे तक ई-डाक मतपत्र जारी किए जाते हैं तथा अगले सात दिवस तक उसे डाउनलोड करने का समय निर्धारित रहता है। संबंधित सेवा मतदाता उसे डाउनलोड कर अपने मत दर्ज करता है और उसे डाक द्वारा रिटर्निंग अधिकारी को भेजा जाता है। नियमानुसार 24 अक्टूबर को ई-डाक मतपत्र को डाउनलोड करने की शुरूआत हो चुकी है। दिनांक 31 अक्टूबर 2023 को ई-डाक मतपत्र डाउनलोड करने की अंतिम तिथि होगी। दिनांक 03 दिसम्बर 2023 को सुबह 07.59 बजे तक मतांकित/चिन्हित ई-डाक मतपत्रों को प्राप्त करने का समय निर्धारित किया गया है।
छत्तीसगढ़ विधानसभा निर्वाचन-2023 अंतर्गत मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय द्वारा प्रथम चरण के निर्वाचन हेतु जिला निर्वाचन अधिकारियों को 20 विधानसभा क्षेत्रों हेतु सेवा मतदाताओं के लिए डाक मतपत्रों का इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप प्रेषित कर दिया गया है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय द्वारा भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार ई-डाक मतपत्र के माध्यम से किए जाने वाले मतदान के संबंध में जिला निर्वाचन अधिकारी तथा सहायक निर्वाचन अधिकारियों को पूरी प्रक्रिया से अवगत कराया गया है।
भारत निर्वाचन आयोग ने ई-डाक मतपत्र के संप्रेषण हेतु विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उल्लेखनीय है कि शस्त्र अधिनियम के अधीन केन्द्रीय बलों में कार्यरत व्यक्तियों, राज्य के सशस्त्र बल के राज्य से बाहर तैनात व्यक्तियों और देश से बाहर दूतावासों में तैनात शासकीय पदाधिकारियों को सेवा मतदाता के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इनके लिए ऑनलाइन पंजीकरण का प्रावधान किया गया है। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा सेवा मतदाताओं के लिए ईटीपीबीएस विकसित किया गया है। यह पूर्णतः सुरक्षित प्रणाली है। इस प्रणाली के माध्यम से सेवा मतदाता अपने निर्वाचन क्षेत्र के बाहर कहीं से भी इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्राप्त डाक मतपत्र के द्वारा अपना मत दे सकते हैं और इस प्रकार से मतदान के अवसर से वंचित होने की संभावना कम हो जाती है।