जशपुर, 12 नवम्बर 2025।
जशपुर जिले के ग्रामीण इलाकों में इन दिनों जंगली हाथियों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। बुधवार की सुबह कांसाबेल वन परिक्षेत्र के केनाडांड़ गांव में हुई दर्दनाक घटना ने लोगों में दहशत फैला दी। यहां हाथियों के 27 सदस्यीय दल से बिछड़ा एक जंगली हाथी गांव के रिहायशी इलाके में घुस आया और एक बुजुर्ग महिला तथा उसकी पोती पर हमला कर दिया।
जानकारी के अनुसार, मृतका देरोठिया बाई (57 वर्ष) सुबह अपने घर के पीछे की बाड़ी में थी। तभी अचानक झाड़ियों से निकलकर आए हाथी ने उसे पटक दिया और कुचल दिया। महिला की मौके पर ही मौत हो गई। इसी दौरान साथ में मौजूद उसकी पांच वर्षीय पोती आरवी पन्ना भी हाथी की चपेट में आ गई, जिससे उसका पैर टूट गया। बच्ची को ग्रामीणों की मदद से पत्थलगांव सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसका इलाज जारी है।
घटना के बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई। सूचना मिलते ही वन विभाग और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची, शव का पंचनामा कर परिजनों को तत्काल 25 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी गई।
डीएफओ शशि कुमार ने बताया कि केनाडांड़ सहित आसपास के गांवों में 27 हाथियों का दल घूम रहा है। विभाग लगातार उनकी गतिविधियों की मॉनिटरिंग कर रहा है और गश्त तेज कर दी गई है। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की है कि वे हाथियों से दूरी बनाए रखें, भीड़ न लगाएं और जैसे ही झुंड दिखाई दे, तुरंत सूचना दें।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि पिछले एक सप्ताह से हाथियों का यह झुंड क्षेत्र में घूम रहा है। कई बार लोगों ने इसकी जानकारी वन विभाग को दी, लेकिन झुंड अभी भी गांवों के नजदीक है। रात में फसलों को नुकसान भी पहुंचाया जा रहा है।
गांव में पसरा सन्नाटा
घटना के बाद केनाडांड़ और आसपास के इलाकों में दहशत का माहौल है। ग्रामीण रात में घरों से बाहर निकलने से बच रहे हैं। फसलों की रखवाली करने वाले किसानों ने खेतों में जाने से परहेज शुरू कर दिया है।
वन विभाग की टीम ने गांवों में माइकिंग कर चेतावनी जारी की है कि कोई भी व्यक्ति अकेले जंगल या खेत की ओर न जाए। विभाग ने यह भी कहा है कि हाथियों के मूवमेंट की दिशा के आधार पर आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं ताकि आगे कोई अप्रिय घटना न हो।
जशपुर के पहाड़ी और वन क्षेत्र होने के कारण यहां हाथियों का मूवमेंट लगातार बना रहता है। वन विभाग की कोशिश है कि जल्द से जल्द झुंड को जंगल की गहराई में वापस खदेड़ा जाए।

