देश

60 साल में पहली बार महाराष्ट्र विधानसभा में कोई विपक्ष का नेता नहीं, जानें ऐसा क्यों हुआ

महाराष्ट्र , विधानसभा चुनाव में बीजेपी नेतृत्व वाली महायुति गठबंधन की ऐसी आंधी चली कि सभी विरोधी पार्टियां चारों खाने चित्त हो गई। कांग्रेस , शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट और एनसीपी शरद गुट के बड़े-बड़े दावे फेल हो गए। महायुति गठबंधन की आंधी भी ऐसी चली कि महाराष्ट्र विधानसभा से विपक्ष का नेता ही गायब हो गया। 60 साल में यह पहली बार होगा, जब महाराष्ट्र विधानसभा में कोई विपक्ष का नेता नहीं होगा। चुनाव में हार के साथ ही उनके हाथ से नेता प्रतिपक्ष का पद भी छिन गया है।

नक्सलियों ने सचिव और ग्रामीण को कुल्हाड़ी से काट डाला ,पर्चा जारी कर कहा-दोनों पुलिस के मुखबिर थे

दरअसल 288 सीटों वाले महाराष्ट्र विधानसभा में 10 प्रतिशत यानी 29 सीटों वाली पार्टी इस पद पर दावा कर सकती है। हालांकि एमवीए की कोई भी पार्टी अपने दम पर इतनी सीटों पर जीत दर्ज नहीं कर सकी हैं। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, शिवसेना (यूबीटी) ने 20 सीटें जीती हैं तो कांग्रेस ने 16 और एनसीपी (एसपी) ने 10 सीटें जीती हैं।

इसलिए मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए 15वीं महाराष्ट्र विधानसभा 16वीं लोकसभा की तरह ही विपक्ष के नेता के बिना काम कर सकती है। आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, गुजरात, मणिपुर, नागालैंड और सिक्किम राज्यों में भी कम से कम 10 प्रतिशत सीटों वाली विपक्षी पार्टियों की कमी के कारण इस पद पर कोई नहीं है।

CM विष्णुदेव साय ने की घोषणा छत्तीसगढ़ में टैक्स फ्री होगी

महायुति में भाजपा का सबसे अच्छा स्ट्राइक रेट है। 149 सीटों पर मैदान में उतरी भाजपा ने 132 सीटें जीती हैं। ऐसे में इस बार उसका मुख्यमंत्री बनना तय है। पर पार्टी किसे मुख्यमंत्री बनाएगी यह अभी तय नहीं है।बता दें कि महाराष्ट्र चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति ने 89.26 फीसदी सीटें जीतकर इतिहास रच दिया है। भाजपा ने 132 सीटें जीतकर अब तक का सबसे बेहतर प्रदर्शन किया है। पार्टी अपने दम पर बहुमत से सिर्फ 13 सीटें कम है। सहयोगी शिवसेना की 57, एनसीपी (अजीत) की 41 व तीन छोटे सहयोगियों की चार सीटाें के साथ महायुति ने 288 में से 234 सीटों पर बंपर जीत हासिल की है। कांग्रेस के नेतृत्व वाली महाविकास आघाड़ी (एमवीए) को झटका लगा, वह सिर्फ 50 सीटों पर सिमट गया।

महायुति सिर्फ जीता नहीं, बल्कि अगले-पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। जीत की दर (स्ट्राइक रेट) के मामले में भाजपा सबसे आगे रही। उसने 149 सीटों पर उम्मीदवार उतारे और 132 जीत गए। इस तरह उसका स्ट्राइक रेट 89.26 फीसदी रहा। वहीं, शिवसेना (शिंदे) के 81 में 57 उम्मीदवार जीते और जीत की दर 70.3 फीसदी रही। राकांपा (अजीत पवार) ने 59 सीटों पर चुनाव लड़ा और उसके 69.5 फीसदी यानी 41 उम्मीदवार जीते।

भाजपा 132
शिवसेना (शिंदे) 57
एनसीपी (अजीत) 41
अन्य सहयोगी 04

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page