छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और कुनकुरी के पूर्व विधायक यू डी मिंज ने SIR (स्पेशल इंटेंसिव रिविजन) को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि SIR को रोका नहीं जा सकता, लेकिन यह अब संगठन और राजनीतिक दलों की ज़िम्मेदारी है कि अधिक से अधिक लोगों को मतदाता सूची तक लाया जाए। सूची की जाँच और निरीक्षण बेहद ज़रूरी है ताकि किसी भी नागरिक का नाम गलत तरीके से न हटे।
यू डी मिंज ने कहा कि मतदाता सूची लोकतंत्र की आत्मा है और अगर इसमें पारदर्शिता नहीं रही, तो आम नागरिक का मतदान अधिकार प्रभावित होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि देश के कई राज्यों में SIR की प्रक्रिया सत्ता के अनुकूल माहौल तैयार करने के लिए की जा रही है।
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पूर्व विधायक ने कहा कि निर्वाचन आयोग को मतदाता सूची का इलेक्ट्रॉनिक डेटा सभी राजनीतिक दलों को उपलब्ध कराना चाहिए और किसी भी संशोधन से पहले सभी दलों से चर्चा करनी चाहिए। यही लोकतंत्र की सच्ची भावना है।
उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में हाल ही में हुए SIR में बड़ी संख्या में गरीबों, मज़दूरों और महिलाओं के नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए, जो गंभीर मामला है। यह प्रक्रिया जनता के विश्वास के साथ खिलवाड़ है।
यू डी मिंज ने अपील की कि सभी राजनीतिक दल मिलकर मतदाता सूची की स्वतंत्र और पारदर्शी जाँच करवाएँ ताकि हर नागरिक का मतदान अधिकार सुरक्षित रह सके। उन्होंने कहा – “लोकतंत्र की ताकत जनता के वोट में है, और अगर वही कमजोर किया गया तो लोकतंत्र की जड़ें हिल जाएँगी।” ताज़ा खबरों और अपडेट्स के लिए हमें Facebook और Instagram पर फॉलो करें।

