पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम ने कांग्रेस से दिया इस्तीफा: कहा- आदिवासियों के खिलाफ काम कर रही सरकार
पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ आदिवासी नेता अरविंद नेताम ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज को भेज दिया है। उन्होंने 9 अगस्त को ही अपना इस्तीफा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पीसीसी चीफ दीपक बैज को भेजा दिया था।
क्या लिखा है खत में
AICC को भेजे इस्तीफे में उन्होंने लिखा है कि ”मैं कांग्रेस पार्टी का क्रियाशील सदस्य हूं। 5 वर्ष पूर्व तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी के आह्वान पर कांग्रेस में वापस आकर अपने अनुभव से पार्टी को मजबूती प्रदान करने का हमेशा प्रयास किया, लेकिन प्रदेश नेतृत्व के असहयोगपूर्ण रवैये के कारण मुझे निराशा हुई। प्रदेश सरकार राज्य में आदिवासी समाज के लिए बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के द्वारा प्रदान संवैधानिक अधिकारों के विपरीत काम कर रही है।’
उन्होंने लिखा कि ‘कांग्रेस सरकार ने पेसा कानून 1996 में आदिवासी समाज को जल, जंगल, जमीन पर ग्रामसभा के अधिकारों को समाप्त कर दिया है। इस तरह से ये आदिवासी विरोधी सरकार है, इसलिए मैं विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्याग पत्र दे रहा हूं। केन्द्रीय नेतृत्व से मुझे हमेशा मार्गदर्शन और आशीर्वाद मिलता रहा है, उसके लिए पार्टी का आभार व्यक्त करता हूं’।
जानें कौन हैं अरविंद नेताम?
अरविंद नेताम सर्व आदिवासी समाज के संरक्षक हैं। वो इंदिरा गांधी और नरसिम्हा राव की सरकार में मंत्री रह चुके हैं। वो इंदिरा गांधी की सरकार में कृषि राज्य मंत्री का दायित्व संभाल चुके हैं। पहली बार 1996 में उन्हें कांग्रेस से निकाला गया था। अरविंद नेताम 4 बार के सांसद रह चुके हैं। वो छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ आदिवासी नेता हैं। बस्तर संभाग में आदिवासियों के बीच उनका अच्छा खासा प्रभुत्व है। बस्तर की राजनीति में वो अच्छी खासी पैठ रखते हैं। विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, ऐसे में वह कांग्रेस के चुनावी गणित को प्रभावित कर सकते हैं। इसके पूर्व उन्होंने बस्तर की 12 सीटों सहित कुल 50 सीटों पर आदिवासी समाज से प्रत्याशी उतारने की घोषणा की थी। इसके बाद से ही कयास लग रहे थे कि वह कांग्रेस छोड़ सकते हैं। फिलहाल, वो रायपुर में रह रहे हैं।