गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ के 5 साल: अच्छी योजनाएं, सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में बदलाव, महिलाएं बन रही आत्मनिर्भर
छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य को लेकर बीते पांच सालों में सामाजिक स्थिति में काफी सुधार हुआ है। राज्य शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं और उनके बेहतर क्रियान्वयन के परिणाम देखने को मिल रहा है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने प्रदेश में गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष रणनीति तैयार की है। इससे माता और शिशु दोनों स्वस्थ रहे हैं। इससे ही प्रदेश में संस्थागत प्रसव में भी काफी बढ़ोतरी हुई है। शिशुओं की मृत्यु दर को न्यूनतम करने के लिए स्वस्थ विभाग लगातार काम कर रही है।
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 5 के अनुसार नवजात मृत्यु दर 42.1 प्रतिशत से घटकर 32.4 प्रतिशत हो गई है। शिशु मृत्यु दर में भी कमी आई है। यह 54.0 प्रतिशत से घटकर 44.3 प्रतिशत हो गया है। पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु के मामले में भी कमी आई है। यह 64.3 प्रतिशत से घटकर 50.4 प्रतिशत हो गई है। राज्य के 14 मेडिकल कालेज, 26 जिला अस्पतालों में सिक न्यू बॉर्न केयर यूनिट की स्थापना की गई है। इसका मॉनिटरिंग एम्स रायपुर के विशेषज्ञ करते हैं। स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत परिवारों की संख्या 68.5 प्रतिशत से बढ़कर 71.4 प्रतिशत हो गई है।
राज्य सरकार ने घर-घर तक पेयजल पहुंचाने का काम किया है। पेयजल उपलब्धता 96.3 प्रतिशत से बढ़कर 98.8 प्रतिशत हो गई है। बेहतर सेनिटेशन सुविधा को उपयोग करने वाले घरों की जनसंख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। 34.8 प्रतिशत से बढ़कर 76.8 प्रतिशत हो गया है। खाना पकाने के लिए स्वस्थ ईंधन उपयोग करने वाले परिवारों का 22.8 प्रतिशत बढ़कर 33.0 प्रतिशत हो गई हैं।
छत्तीसगढ़ की महिलाएं भी अब आधुनिक तकनीकी का उपयोग करने लगी है। वर्तमान परिवेश में सभी के पास इंटरनेट, मोबाइल, लैपटाप, कंप्यूटर और अन्य संचार साधन हैं। 26.7 प्रतिशत महिलाएं और 56.3 प्रतिशत पुरूष इंटरनेट का उपयोग करते हैं। महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं। महिलाएं उच्च शिक्षा लेने के साथ रोजगार के बाद ही आज की कदम उठाना चाहते हैं। जिसके कारण अब महिलाएं 24 साल से अधिक उम्र में शादी कर रही हैं।