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सरकारी कर्मचारियों को ईएमआई पर मिल सकता है ईवी दोपहिया वाहन

केंद्र सरकार की नीति के अनुरूप, इलेक्ट्रिक वाहन क्रांति लाने के लिए आंध्र प्रदेश सक्रिय कदम उठा रहा है। प्रदेश का लक्ष्य 2070 तक नेट-जीरो उत्सर्जन है। राज्य ने राज्य सरकार के कर्मचारियों को ईएमआई के आधार पर एक लाख इलेक्ट्रिक वाहन देने का फैसला किया है। इसके साथ रोड टैक्स में छूट और पंजीकरण शुल्क माफ जैसे बेनिफिट्स भी शामिल किए जाएंगे।

इसके अलावा, राज्य सरकार इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के लिए अनुकूल वातावरण को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न जगहों पर लगभग 400 इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन लगा रही है। इस समय, 266 स्टेशन चालू हैं, बाकी पाइपलाइन में हैं। इसके अलावा, सरकार का इरादा नेशनल हाईवे पर हर 25 किलोमीटर और शहर की सीमा के भीतर हर 3 किलोमीटर पर ईवी चार्जिंग स्टेशन लगाने का है। इस मकसद के लिए लगभग 4,000 जगह पहले से ही निर्धारित किए गए थे।

एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) के सीईओ विशाल कपूर ने कहा कि ईईएसएल का नेशनल इलेक्ट्रिक बस प्रोग्राम एक महत्वपूर्ण पहल है जिसका उद्देश्य देशभर में हजारों इलेक्ट्रिक बसें तैनात करना है।

Ranchi One Way (1)
Raipur 10- (2)
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कपूर ने कहा, “ईईएसएल द्वारा अपनाया गया डिमांड एग्रीगेशन (मांग एकत्रीकरण) मॉडल खरीद को अनुकूलित करता है और लागत को कम करता है। यह देश भर में ऑपरेटरों के लिए इलेक्ट्रिक बसों को आर्थिक रूप से व्यवहार्य बनाता है।”

एक वेबिनार के जरिए वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कार्यक्रमों, इसके प्रभाव और भविष्य की योजनाओं की समीक्षा करते हुए, विशाल कपूर ने कहा कि ईईएसएल और सीईएसएल दोनों भारत की इलेक्ट्रिफिकेशन रिवॉल्यूशन में सार्वजनिक-निजी भागीदारी की महत्वपूर्ण भूमिका पर रोशनी डालते हैं।

विशाल कपूर ने कहा, “सरकारी नीतियों को निजी क्षेत्र के नवाचार और निवेश के साथ जोड़कर, वे इस सहयोगी दृष्टिकोण की प्रभावशीलता को प्रदर्शित करते हैं।”

भारत ने 2030 तक 30 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहन हासिल करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। इससे 846 मिलियन टन Co2 उत्सर्जन में कमी आने और तेल आयात में 474 मिलियन टन की कमी आने की उम्मीद है।

इस प्रतिबद्धता को FAME (हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाने और विनिर्माण) जैसी योजनाओं और नीतियों के जरिए साकार किया जा रहा है। विशेष रूप से, 2023 में कुल ईवी बिक्री में दोपहिया और तिपहिया सेगमेंट की हिस्सेदारी 80 प्रतिशत से ज्यादा है। देश मार्च 2023 तक 6,500 परिचालन सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों के साथ अपने ईवी बुनियादी ढांचे को मजबूत कर रहा है।

अधिकारियों के अनुसार, वैश्विक साझेदारों के साथ सहयोग इनोवेशन को बढ़ावा देता है। साथ ही बैटरी स्वैपिंग से लेकर स्मार्ट चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर तक कस्टमाइज्ड सॉल्यूशन उपलब्ध करता है। जो भारत की अनूठी जरूरतों को पूरा करता है।

राष्ट्रीय इलेक्ट्रिक बस कार्यक्रम से स्थायी सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। यह सार्वजनिक परिवहन के हरित और ज्यादा कुशल युग के लिए भारत की पर्यावरण-सचेत दृष्टि के अनुरूप है।

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