टेक्नोलोजी

सरकार फ्री में देगी आठ लाख DD सेट-टॉप बॉक्स, दूरस्थ और आदिवासी क्षेत्रों में मिलेगी सुविधा

सरकार ने दूरस्थ, आदिवासी और सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को करीब आठ लाख फ्री डीडी सेट-टॉप बॉक्स देने की योजना बनाई है। इस योजना को ब्रॉडकास्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर एंड नेटवर्क डेवलपमेंट (बीआईएनडी) नाम दिया गया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को 2,539.61 करोड़ रुपये की लागत वाली इस योजना के संबंध में सूचना और प्रसारण मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। बता दें कि इससे पहले सरकार ने अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग के दिशा निर्देश-2022 को मंजूरी दी थी, जिसमें टीवी चैनलों को हर रोज 30 मिनट तक जनहित से जुड़ा प्रसारण करने के लिए कहा गया था।इस योजना में प्रसार भारती, ऑल इंडिया रेडियो (एआईआर) और दूरदर्शन (डीडी) के इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास करना भी शामिल है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय की बीआईएनडी योजना के प्रसारण इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार और अपग्रेड, कंटेंट डेवलपमेंट और ऑर्गेनाइजेशन के नागरिक कार्य से संबंधित खर्चों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए प्रसार भारती को माध्यम बनाया गया है। यानी सूचना और प्रसारण मंत्रालय योजना के लिए प्रसार भारती को हर प्रकार से मदद प्रदान करेगा। योजना में दूरस्थ, जनजातीय, वामपंथी उग्रवाद प्रभावित और सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को 8 लाख से अधिक डीडी फ्री डिश एसटीबी निःशुल्क दी जाएंगी।योजना को मंजूरी देते हुए सरकार ने अपने बयान में कहा कि “भारत सरकार दूरदर्शन और आकाशवाणी (प्रसार भारती) के इंफ्रास्ट्रक्चर और सर्विस के विकास, आधुनिकीकरण और मजबूती के लिए काम कर रही है। इन माध्यमों के सार्वजनिक ब्रॉडकास्ट के दायरे को बढ़ाने के अलावा, ब्रॉडकास्ट के इंफ्रास्ट्रक्चर के आधुनिकीकरण और वृद्धि के लिए परियोजना में ब्रॉडकास्ट उपकरणों की आपूर्ति और स्थापना से संबंधित सर्विस को भी बढ़ाया जाएगा।साथ ही इन माध्यमों में अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा करने की भी क्षमता है। बयान में कहा गया है कि एआईआर और डीडी के ब्रॉडकास्ट के लिए कंटेंट तैयार करने के लिए विभिन्न मीडिया क्षेत्रों में विविध अनुभव वाले व्यक्तियों को अप्रत्यक्ष रोजगार से जोड़ा जा सकता है। बता दें कि फिलहाल दूरदर्शन 28 क्षेत्रीय चैनलों सहित 36 टीवी चैनलों को ऑपरेट करता है और ऑल इंडिया रेडियो 500 से अधिक ब्रॉडकास्टिंग सेंटर को ऑपरेट करता है। यह योजना देश में एआईआर एफएम ट्रांसमीटरों की कवरेज को भौगोलिक क्षेत्र के हिसाब से 66 प्रतिशत और आबादी के हिसाब से 80 प्रतिशत तक बढ़ाएगी, जो फिलहाल 59 प्रतिशत और 68 प्रतिशत है।

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