3 च्वॉइस सेंटर पर श्रम विभाग की दबिश, ठेकेदारों का फर्जी प्रमाण-पत्र बनाने के नाम पर हुई थी अवैध वसूली
श्रम विभाग के अधिकारियों ने शनिवार को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के तीन अलग-अलग इलाकों में संचालित च्वॉइस सेंटरों पर औचक दबिश दी। श्रमायुक्त छत्तीसगढ़ के निर्देशन में टीम ने कम्प्यूटर सहित अन्य दस्तावेजों की सघन जांच पड़ताल की। साहू कॉम्पलेक्स टिकरापारा, सुन्दर नगर, लिली चौक और पुरानी बस्ती में संचालित च्वॉइस सेंटरों के बारे में श्रमायुक्त के संज्ञान में यह मामला आया था। इनके संचालकों ने ठेकेदारों का फर्जी प्रमाण-पत्र बनाने के नाम पर लोगों से अवैध वसूली की थी। श्रमायुक्त के निर्देशानुसार चार अधिकारियों की संयुक्त टीम ने उक्त तीनों च्वाइंस सेंटरों की जांच पड़ताल के दौरान सेंटर संचालकों से कम्प्यूटर की आईडी प्राप्त कर उसकी सघन जांच की। सेंटर में उपलब्ध दस्तावेज एवं अन्य सामग्रियों की भी जांच पड़ताल की। इस दौरान नियोजन एवं ठेकेदारों के प्रमाण पत्र के संबंध में कोई भी दस्तावेज नहीं पाए जाने का उल्लेख संयुक्त जांच टीम ने अपने प्रतिवेदन में किया है।उक्त च्वाईस सेंटरों ने ठेकेदारों के फर्जी प्रमाण पत्र बनाने के नाम पर हितग्राही आवेदकों से अवैध रूप से राशि की मांग किए जाने के मामले को गंभीरता से लेते हुए श्रमायुक्त छत्तीसगढ़ ने इसकी जांच के निर्देश दिए थे। श्रमायुक्त के निर्देश के परिपालन में सहायक श्रमायुक्त रायपुर ने श्रम निरीक्षक जयंती बंसल, आर.आर. पाल एवं धनेन्द्र चंद्राकर सहित डिस्ट्रिट मैनेजर सुनील पाण्डेय की संयुक्त टीम गठित कर इस मामले की सघन जांच पड़ताल करने के निर्देश दिए थे। संयुक्त जांच टीम ने उक्त संस्थानों की आईडी. लेकर उनके समस्त सिस्टमों और अभिलेखों की जांच की। उक्त संस्थानों में नियोजन प्रमाण-पत्र एवं ठेकेदार, नियोजक की सील नहीं मिली है। श्रमायुक्त छत्तीसगढ़ ने सभी च्वॉइस सेंटर संचालकों को हितग्राहियों का नया पंजीयन आवदेन या अन्य योजनाओं के लाभ के लिए आवेदन भरते समय नियम प्रक्रिया का पूरी तरह से पालन करने और हितग्राहियों से निर्धारित शुल्क ही लेने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि आवेदकों के साथ की भी तरह की धोखाधड़ी या फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर उन्हें लाभान्वित करने का लालच देने का मामला सामने आने पर संबंधितों के विरूद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।