रायपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा में वन मंत्री मोहम्मद अकबर द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक हाथियों ने जनवरी 2020 से 15 फरवरी 2023 तक 207 लोगों को मार डाला. 6318 घर उजाड़े और 14858 हेक्टेयर की फसल बर्बाद कर दी. पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह द्वारा पूछे गए लिखित सवाल के जवाब में वन मंत्री ने यह जानकारी दी है.
पूर्व सीएम डॉ. रमन ने पूछा था कि प्रदेश में जनवरी 2020-21 से 15 फरवरी 2023 तक हाथियों द्वारा कितनी जनहानि, मकान, फसल क्षति व अन्य क्षति के प्रकरण दर्ज किए गए हैं. मंत्री ने बताया कि हाथियों द्वारा प्रश्नांकित अवधि में क्षति के 66226 प्रकरण दर्ज किए गए हैं. जनहानि के 207 मामलों में 12.30 करोड़ मुआवजा दिया गया है. जनवरी से मार्च 2020 तक जनहानि के 9 प्रकरण हुए हैं. 2020-21 में 65, 2021-22 में 65 और 2022-23 (15 फरवरी 2023) में 68 लोगों की हाथियों ने जान ली है.
वन मंत्री ने बताया है कि 2020-21 में हाथियों ने जशपुर में 16, सूरजपुर में 12, धरमजयगढ़ में 14 और कटघोरा में 9 लोगों को मारा. 2021-22 में जशपुर में 10, सूरजपुर में 11, धरमजयगढ़ में 10, महासमुंद में 9 की जान ली है. 2022-23 में जशपुर में 15 लोगों की जान ली है.
पूर्व सीएम ने पूछा कि क्या आत्मसात किए गए जन घोषणा पत्र में हाथियों की समस्या समाधान करने का उल्लेख किया गया था? यदि हां, तो समाधान की दिशा में क्या प्रयास किए गए हैं? मंत्री ने बताया कि घोषणा पत्र में हाथी प्रभावित क्षेत्रों मंड़ पीड़ित परिवारों की सहायता के लिए राशि को 10 लाख तक बढ़ाया जाएगा. घर एवं फसलों के वास्तवित नुकसान के अनुरूप मुआवजा राशि प्रदान करने का उल्लेख है.
इस पर वन विभाग ने जनहानि क्षतिपूर्ति की राशि चार लाख से बढ़ाकर 6 लाख कर दी गई है. घर एवं फसलों के संबंध में की जाने वाली कार्यवाही राजस्व से संबंधित है, इसलिए इस संबंध में पत्र दिनांक 18.10.2019 से छत्तीसगढ़ शासन वन विभाग से अनुरोध किया गया है कि राजस्व विभाग को लिखा जाए तथा इस पत्र का पृष्ठांकन सूचनार्थ राजस्व विभाग को किया गया है.
वन मंत्री ने बताया कि घोषणा पत्र में लेमरू, कोरबा जैसे वन क्षेत्रों में हाथी एवं वन्य जीव अभयारण्य का निर्माण किया जाएगा. इसे संरक्षित वन्य जीव गलियारों से जोड़कर नुकसान को कम करने का उल्लेख है. इसके क्रियान्वयन के रूप में छत्तीसगढ़ शासन की अधिसूचना क्रमांक/एफ 8-6/2007-10-2 दिनांक 07/10/2021 द्वारा कोरबा जिले के कोरबा एवं कटघोरा वनमंडल, रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ वनमंडल एवं सरगुजा जिले के सरगुजा वनमंडल के अंतर्गत 1995.48 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में लेमरू हाथी रिजर्व की स्थापना की गई है. वन मंत्री ने बताया कि इस संबंध में वन विभाग से अपेक्षित कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है.