छत्तीसगढ़शिक्षा और रोज़गार

परफार्मेंस ग्रेडिंग में छत्तीसगढ़ के 6 जिलों में ही शिक्षा ‘उत्तम ’ग्रामीण क्षेत्र में , छत्तीसगढ़ के 22 जिलाें में स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार की जरूरत बताई गई

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने वर्ष 2020-21 और 2021-22 के लिए जिलों में शिक्षा की स्थिति पर रिपोर्ट जारी की है। 6 बिंदुओं के आधार पर किए गए आकलन में वर्ष 21-22 में 6 जिलों में शिक्षा की स्थिति उत्तम है। इनमें रायपुर, दुर्ग, महासमुंद, धमतरी, सूरजपुर और सरगुजा शामिल हैं। बिलासपुर समेत बाकी 22 जिलों में सुधार की जरूरत बताई गई है।

खास बात ये है कि 2020-21 में अति उत्तम श्रेणी हासिल करने वाला सरगुजा भी पिछले शैक्षणिक वर्ष में एक पायदान फिसलकर उत्तम की श्रेणी में आ गया है। शिक्षा मंत्रालय ने वर्ष 2020-21 और 2021-22 के लिए परफॉरमेंस ग्रेडिंग इंडेक्स की रिपोर्ट जारी की है।

ऑनलाइन पोर्टल यूडाइस के जरिए सभी जिलों के स्कूली शिक्षा विभाग द्वारा अपलोड की गई जानकारी के आधार पर यह रिपोर्ट बनाई गई है। वर्ष 2020-21 में सरगुजा जिला अति उत्तम वर्ग में शामिल हुआ था। जबकि सूरजपुर, दुर्ग, जशपुर, धमतरी, बालोद, मुंगेली, रायपुर, महासमुंद, बलरामपुर, बलौदा बाजार, रायगढ़, जांजगीर-चांपा, कोरबा, गरियाबंद, बस्तर, बेमेतरा, कवर्धा, बिलासपुर, कांकेर, दंतेवाड़ा, कोंडागांव और राजनांदगांव उत्तम श्रेणी में शामिल थे। कोरिया, सुकमा, नारायणपुर, बीजापुर, गौरेला पेंड्रा मरवाही को प्रचेष्ठा-1 कैटेगरी में जगह मिली थी। यानी इन जिलों में काफी सुधार की जरूरत है।

वर्ष 2021-22 की बात करें तो सरगुजा भी अति उत्तम से उत्तम श्रेणी में फिसल गया है। अब इस श्रेणी में महासमुंद, दुर्ग, सूरजपुर, धमतरी, रायपुर और सरगुजा जिले शामिल हैं। वहीं, प्रचेष्टा-1 कैटेगरी में अब रायगढ़, बलौदाबाजार, गरियाबंद, गौरेला पेंड्रा मरवाही, बालोद, कोरबा, दंतेवाड़ा, जांजगीर-चांपा, बेमेतरा, बिलासपुर, कांकेर, राजनांदगांव, बस्तर, बीजापुर, कोरिया, मुंगेली, जशपुर, कोंडागांव, बलरामपुर, नारायणपुर, कवर्धा और सुकमा जिला शामिल हैं।

आंकलन इन बिंदुओं पर

रिपोर्ट में जिला स्तर पर परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स में 6 कैटेगरी हैं, जिनमें 600 अंक हैं। इनमें, परिणाम, प्रभावी कक्षा कार्य संपादन, बुनियादी ढांचा सुविधाएं व छात्रों के अधिकार, स्कूल सुरक्षा एवं बाल संरक्षण, डिजिटल लर्निंग और प्रशासनिक प्रक्रिया शामिल हैं।
6 श्रेणियों को 12 डोमेन में बांटा गया है। इनमें नतीजे और गुणवत्ता, अधिगम परिणाम, शिक्षक उपलब्धता एवं, शिक्षण प्रबंधन एवं संवर्धन, बुनियादी ढांचा, सुविधाएं, छात्रों के लिए अवसर, स्कूल सुरक्षा, डिजिटल लर्निंग और उपस्थिति निगरानी आदि हैं।
अधिकांश ग्रामीण स्कूलों में शिक्षकों की कमी, इसलिए से पढ़ाई का स्तर कमजोर

रिपोर्ट में 6 बिंदुओं को आधार बनाया गया है। प्रदेश के जिलों में शिक्षा का स्तर खराब होने का कारण अधिकांश स्कूलों में शिक्षकों की कमी है। {ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में शिक्षक पोस्टिंग लेना नहीं चाहते। अटैचमेंट पर रोक के बाद भी शहरी स्कूलों में स्वीकृत पदों की तुलना में अधिक शिक्षक कार्यरत हैं।

कुछ साल पहले किए गए सर्वे में पता चला था कि ग्रामीण क्षेत्रों में मिडिल और हाई स्कूल तक में पढ़ रहे छात्र ठीक से पढ़ना और लिखना भी नहीं जानते। 521 अंकों के साथ छत्तीसगढ़ आकांक्षी-1 राज्य यूडाइज की रिपोर्ट के आधार पर किए गए आकलन में छत्तीसगढ़ को एक हजार में सिर्फ 521 अंक मिले हैं और प्रदेश आकांक्षी-1 राज्यों में शामिल किया गया है। बता दें कि दक्ष से लेकर प्रचेष्ठा-1 तक एक भी राज्य ने जगह नहीं बना सके हैं। आकांक्षी-1 में छत्तीसगढ़ समेत 13 राज्य शामिल हैं। छत्तीसगढ़ को 6 श्रेणियों में क्रमश: 38.8, 60.5, 72.8, 224.9, 57.8 और 66.2 अंक मिले हैं। वहीं, छत्तीसगढ़ के 22 जिलाें में स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार की जरूरत बताई गई है। हालांकि रिपोर्ट के अनुसार सुधार की पूरी गुंजाइश है।
दस कैटेगरी में दक्ष टॉप आकांक्षी-3 सबसे नीचे जिलों को 10 कैटेगरी में नंबर दिए जाते हैं। ‘दक्ष’ टॉप ग्रेड है, इस ग्रेड में कुल अंकों के 90% से अधिक अंक हासिल करने वाले जिले शामिल किए जाते हैं। इसके बाद ‘उत्कर्ष’ (81% से 90%), ‘अति उत्तम’ (71% से 80%), ‘उत्तम’ (61% से 70%), ‘प्रचेष्टा -1’ (51% से 60%) और ‘प्रचेष्टा-2’ (41% से 50%) है। निम्नतम ग्रेड ‘आकांक्षी-3’ है जिसमें कुल अंकों के 10% तक के अंक पाने वाले जिले शामिल किए जाते हैं।

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