काबुल के स्कूल में हुए आत्मघाती हमले की भारत ने की कड़ी निंदा
भारतीय विदेश मंत्रालय ने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि काबुल के दश्त-ए-बारची में काज एजुकेशनल सेंटर पर हुए आतंकी हमले से हम दुखी हैं।
अफगानिस्तान में शुक्रवार को हुए आत्मघाती हमले में 24 से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई है। घटना में मारे गए ज्यादातर छात्र हजारा और शिया समुदाय से थे। इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय ने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट कर कहा कि काबुल के दश्त-ए-बारची में काज एजुकेशनल सेंटर पर हुए आतंकी हमले से हम दुखी हैं और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं। विदेश मंत्रालय ने भारतीय शैक्षिक स्थलों पर मासूम छात्रों को लगातार निशाना बनाए जाने की भी निंदा की है।
काज शिक्षा केंद्र पर हुआ हमला
विस्फोट शहर के पश्चिम में दश्त-ए-बारची इलाके में काज शिक्षा केंद्र में हुआ। तालिबान के एक अधिकारी ने बताया, राजधानी काबुल के शिया बहुल इलाके में यह घटना हुई। बम विस्फोट के बाद क्षेत्र में भगदड़ के वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आए। मलबे के अलावा स्कूल परिसर में बच्चों की लाशें दिखाई दी। स्कूल में कहीं हाथ पड़े थे तो कहीं पैर। ट्विटर पर विस्फोट से पहले का एक वीडियो भी साझा किया गया जहां आतंकियों ने बम धमाका किया था।
शिया समुदाय को बनाया जा रहा है निशाना
पिछले साल अगस्त में काबुल पर कब्जा करने के बाद महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों पर प्रतिबंध लगा दिया था। तालिबान के सत्ता में लौटने के बाद से देश में लड़कियों के अधिकांश स्कूल बंद हैं। सिर्फ कुछ निजी स्कूल खुले हैं, जिनमें ज्यादातर शिया मुसलमानों के बच्चे पढ़ते हैं। इस्लामिक स्टेट समूह – तालिबान का एक शीर्ष प्रतिद्वंद्वी – पहले भी हमलों में मस्जिदों और उपासकों, विशेष रूप से अफगानिस्तान के शिया समुदाय के सदस्यों को निशाना बना चुका है।