किसानों को समय पर टोकन जारी करने के निर्देश
रायपुर। किसानों से सहकारी समितियों में टोकन के माध्यम से की जा रही धान खरीदी में कई किसानों को टोकन नहीं जारी किए जाने की शिकायतों को उप पंजीयक ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने सभी समितियों के प्रबंधकों और जिला सहकारी बैंकों के व्यवस्थापकों की वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से बैठक लेकर निर्देश जारी किया है कि किसानों के खाते अपडेट नहीं होने के नाम से उनका टोकन नहीं काटने के मामले को त्वरित निपटारा कर उन्हें टोकन जारी करें।
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जानकारी आने पर उप पंजीयक ने तत्काल सभी समितियों को फरमान जारी किया कि किसानों को इसे लेकर परेशानी न हो। धान खरीदी समितियों में किसानों को मैनुअल और ऑनलाइन टोकन जारी कर धान बेचने की सुविधा दी गई है। समितियों में धान खरीदी के लिए मैनुअल टोकन वहां के कर्मी अपनी व्यस्तता बताकर जारी नहीं कर रहे हैं। वहीं ऑनलाइन टोकन लेने में ग्रामीण क्षेत्र के अधिकतर किसानों को दिक्कत आ रही है। फसल की गिरदावरी रिपोर्ट और रकबा संशोधन के नाम पर कई किसानों का डाटा अपडेट न होना बताकर ऑनलाइन नहीं दिखाने के कारण टोकन नहीं कट रहा है।
टेकारी और छपोरा समितियों के दो दर्जन से अधिक किसानों के साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता उद्यो वर्मा ने समिति प्रबंधक से मिलकर बताया था कि पिछले साल उन्होंने इसी खाते से धान बेचा था। ऑनलाइन सर्च करने पर उनका खाता अपडेट न होना बताकर उन्हें टोकन नहीं मिल रहा है। बताया गया है कि मामले में समितियों के कर्मियों के द्वारा किसानों को गुमराह करने का भी आरोप लगाया गया है। उनके द्वारा अपने खेतों का रिकार्ड बताए जाने के बाद भी उन्हें सही जानकारी नहीं देने का भी आरोप लगाया गया।
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त्वरित निराकरण के निर्देश
उप पंजीयक नकुल चंद्रवंशी ने मामले में संज्ञान लेते हुए जिले के समिति प्रबंधकों और जिला सहकारी बैंक के व्यवस्थापकों को इसका त्वरित निराकरण कर टोकन जारी करने कहा है। उन्होंने धान खरीदी किसानों को कोई परेशानी न हो असके लिए अधिकारियों को निर्देशित किया है। टोकन के लिए भटक रहे छोटे किसान धान खरीदी में किसानों बड़े, मध्यम और छोटे किसानों को टोकन जारी करने का 30 अनुपात 70 के हिसाब से टोकन काटने के निर्देश हैं। बड़े किसानों का टोकन आसानी से मिल जा रहा है लेकिन मध्यम और छोटे किसानों को विभिन्न कारणों से भटकना पड़ रहा है। ऐसे में जो अनुपात धान बेचने में बड़े और छोटे किसानों का तय किया गया था उसका पालन समितियों नहीं हो रहा है।
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