चुनाव आयोग को डीईओ के फर्जी साइन से भेजी जांच प्रतिवेदन ,बुरे फंसे अफसर हो सकती है कड़ी कार्यवाही
गरियाबंद जिले के जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के मातहत अधिकारी एवम प्रतिनियुक्ति पर काम कर रहे शिक्षक ने महिला मीडिया कर्मी के शिकायत पर भारत चुनाव आयोग नई दिल्ली के द्वारा मांगे गये जांच प्रतिवेदन में शिकायत पर अपनी संलिप्तता को छुपाने आरोपी अधिकारियों ने खुद की जांच गुपचुप तरीके से खुद कर खुद को बेदाग और शिकायत को झूठा निराधार तथ्यहीन करार दिया और जिला शिक्षा अधिकारी रमेश कुमार निषाद के फर्जी हस्ताक्षर कर भारत निर्वाचन आयोग को भेज दी।
मामले का खुलासा ऐसे हुआ जब शिकायत कर्ता मीडिया कर्मी ने ऑनलाइन शिकायत फाइल कर जब अपने आवेदन की निराकरण की स्थिति चेक की तो भारत निर्वाचन आयोग के सिटीजन पोर्टल पर शिकायत पर कार्यवाही पूर्ण होने और शिकायत निराधार पाए जाने का लेख पाया।
शिकायत कर्ता ने जब अपने शिकायत की जांच के संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी रमेश कुमार निषाद व कार्यालय से संपर्क किया तो कार्यालय कर्मी आवाक रह गये जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया की मैने कोई जांच प्रतिवेदन निर्वाचन आयोग को नहीं भेजा है उन्होंने पता किया उनके हस्ताक्षर कर किसी ने शिकायत पर जांच प्रतिवेदन भेज दिया है मामले में संलिप्त सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी कृपाल सिंह पैकरा और समग्र शिक्षा शाखा के सहायक परियोजना अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर काम कर रहे शिक्षक बुध विलास सिंह की संलिप्तता उजागर हुई उक्त मामले में जिला शिक्षा अधिकारी ने दोनों से स्पष्टीकरण मांगा और फर्जी हस्ताक्षर किसने किया बताने कहा दोनों के जवाब संतोष जनक नहीं पाए जाने पर उच्च कार्यालय को इनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करने और कूट रचित प्रतिवेदन प्रेषित करने के आरोप में आपराधिक प्रकरण दर्ज करने का लेख लिखा।
वहीं आचार संहिता के दौरान निर्वाचन आयोग निष्पक्ष विश्वसनीय कार्यवाही करता है वहीं गरियाबंद जिले के जिला शिक्षा कार्यालय में पदस्थ इन दोनों कर्मचारियों ने चुनाव आयोग को ही ठेंगा दिखा कर अपनी जूती के नोक में रगड़ दिया।
वहीं इस संबंध में अधिकारी क्या कहते है
“मैने निर्वाचन आयोग को किसी प्रकार का जांच प्रतिवेदन नहीं भेजा है ”
रमेश कुमार निषाद जिला शिक्षा अधिकारी गरियाबंद
“शिकायत के संबंध में मुझसे स्पष्टीकरण मांगा गया था मैने स्पष्टीकरण दे दिया था फर्जी हस्ताक्षर किसने किया मुझे नहीं पता पैकरा सर या भगत सर भेजे होंगे ”
बुध विलास सिंह सहायक परियोजना अधिकारी
समग्र शिक्षा गरियाबंद
मैने भारत निर्वाचन आयोग नई दिल्ली के सिटीजन शिकायत पोर्टल पर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में आचार संहिता लगने के पूर्व नियम विरुध्द हुये आदेशों की जांच और कार्यवाही के लियॆ ऑनलाइन शिकायत दर्ज किया था जिस पर स्थिति चेक करने पर पता चला की शिकायत को गुप् चुप तरीके से आरोपित लोगो के द्वारा गुप्चुप जांच कर खुद को बेदाग बताया और डी ई ओ साहब के हस्ताक्षर को कूट रचित कर फर्जी तरीके से जांच रिपोर्ट भेज दिये है जो की निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता विश्वसनीय को चुनौती देता है मैं भारत निर्वाचन आयोग से इस अक्षम्य कृत्य के लिये आरोपियों को तत्काल हटा कर निलंबित करें और अगर आपराधिक मामला बनता है तो तत्काल प्रकरण कायम करें ताकि निर्वाचन आयोग को इस तरह फर्जीवाड़ा करने वालों को कड़ी सजा मिल सके।”
ऋतु सोम दखल छत्तीसगढ़
वहीं गरियाबंद जिले में हुये अधिकारीयों की शिकायत पर तथ्यात्मक जांच ना कर फौरी जांच किया जाना प्रतीत होता है व शिकायत जांच पर शिकायत कर्ताओं को जांच की ना सूचना दी गई और ना उनका पक्ष लिया गया।
वहीं शिकायत कर्ताओं ने भारत निर्वाचन आयोग से गरियाबंद जिले के सभी शिकायतों पर पुनः तथ्यात्मक जांच करने निष्पक्ष और पारदर्शी जांच कर कार्यवाही का निवेदन किया गया है।