छत्तीसगढ़

भर्ती में गड़बड़ी फर्जी अंकसूची के सहारे नियुक्ति पाने का आरोप थाने में हुई शिकायत

गरियाबंद। आंगनबाड़ी सहायिका की नियुक्ति में कूटरचना कर फर्जी अंक सूची तैयार करने की शिकायत अब थाने पहुंच गई है. चयनित अभ्यर्थी ने नियुक्ति फार्म में ओवरलैपिंग किया था, लेकिन फिर भी महिला बाल विकास विभाग मामले से अनजान बना हुआ है.

देवभोग में पिछले 4 माह से पृथक-पृथक आदेश के तहत 16 से ज्यादा आंगनबाड़ी सहायिकाओं की भर्ती की गई. ज्यादातर भर्ती में भारी लेन-देन की चर्चा होती रही. लेकिन बुधवार को एक बड़ा मामला उजागर हुआ, जब लाटापारा के पूंजीपारा में आंगनबाड़ी सहायिका की भर्ती का मामला थाने पहुंचा. वंचित अभ्यर्थी उर्मिला यादव ने थाने में लिखित शिकायत देकर बताया कि चयनित अभ्यार्थी तारिणी ने बाड़ीगांव मिडिल स्कूल प्रधान पाठक से मिलकर फर्जी अंक सूची तैयार की है.

आरोप है कि बाड़ीगांव मिडिल स्कूल में 2015 में कक्षा 8वीं पास करने वाली तारिणी ने 81.26 अंक अर्जित किया था. इसी मार्कशीट के आधार पर उसने कक्षा नवमीं में भर्ती भी लिया था. उर्मिला ने आरोप लगाया है कि सहायिका भर्ती पाने मिडिल स्कूल प्रधान पाठक के साथ मिल पुराने रिकॉर्ड में बदलाव कर नई अंक सूची बनाई गई है. फार्म में पहले कम अंक दर्शाया गया. नई मार्कशीट की जुगाड़ हुई तो ओवरलैपिंग किया गया, लेकिन विभाग ने इसको अनदेखा किया.

यह भी बताया कि प्रक्रिया के दरमियान आवेदिका के पति मधु यादव ने आरटीआई के तहत दस्तावेज निकाल इसकी जानकारी चयन समिति को दी थी, लेकिन समिति ने भी इसे अनदेखा कर दिया पर पति को यह पहल भारी पड़ गई. तारिणी बघेल ने 12 नवम्बर को मधु यादव के खिलाफ गाली-गलौच करने का आरोप लगा कर एक लिखित शिकायत दर्ज करा दी. मामले की जांच करने एसडीओपी बाजी लाल सिंग पूंजीपारा पहुंचे थे. उन्होंने वस्तु स्थिति व मौजूद तथ्यों के आधार पर आगे उचित कार्रवाई करने की बात कही है.

दीवान मूड़ा में ज्यादा अंक वाले अभ्यर्थी की अनदेखी कर कम अंक वाले को सहायिका पद पर नियुक्त कर दिया गया है. कुम्हड़ई कला, कोदोभाटा में भी सहायिका नियुक्ति में फर्जी अंक सूची इस्तेमाल की भनक लगी तो प्रकिया रोक दी गई है. जिला पंचायत सदस्य धनमती यादव ने कहा कि इस सीजन में देवभोग मैनपुर में हुए सहायिका नियुक्ति में मिल रही शिकायतों की उच्च स्तरीय जांच किया जाए तो फर्जी अंक सूची के कई मामले सामने आयेंगे.

चयन समिति में महिला बाल विकास अधिकारी के अलावा जनपद सीईओ, बीईओ,बीएमओ शामिल रहते है.इनकी जवाबदारी है कि नियुक्ति प्रक्रिया में इस्तेमाल दस्तावेज का वे सत्यापन करें.किन्तु समिति बड़ी चूक क्यों कर रही है यह बड़ा सवाल है.नियुक्ति को लेकर भारी लेन देन की बात भी उठती रही है.

जिला महिला बाल विकास अधिकारी दीपा शाह ने बताया कि जहां पर हमें मार्कशीट में ओवर लैपिंग लगी, उस जगह की भर्ती रोकी गई है. लाटापारा व गिरशूल में नियुक्ति से जुडा कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है. नियुक्ति में गड़बड़ी लगती है तो जिला अधिकारी के समक्ष प्रथम अपील का प्रावधान है. विधिवत अपील में आता है तो जांच कर उचित वैधानिक कार्यवाही की जाएगी.

वहीं मामले में बीईओ देवनाथ बघेल ने बताया कि मिडिल स्कूल के मार्कशीट जारी करने का अधिकार प्रधान पाठक को है. रिकॉर्ड के मुताबिक ही अंकसूची जारी होती है. अगर किसी ने गड़बड़ी की है, तो उसकी शिकायत अब तक नहीं मिली है. शिकायत मिलेगी तो आवश्य कार्रवाई करेंगे.

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