भरोसे की यात्रा’: सीएम बघेल ने पाटन में बुलेट चलाकर की यात्रा की शुरुआत
छत्तीसगढ़ की सरकार ने पहले भेंट मुलाकात,युवाओं से भेंट मुलाकात, और फिर महिला सम्मेलन के माध्यम से प्रदेश की जनता तक पहुंचने की कोशिश की है। और अब 2023 के विधानसभा चुनाव सामने हैं। ऐसे में आचार संहिता लागू हो उससे पूर्व भरोसे की यात्रा आज शुरू कर पूरे 90 विधानसभाओं में निकाली गई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने विधानसभा क्षेत्र पाटन से इसका शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री स्वयं बुलेट चलकर बाईक रैली की अगुवाई की।
छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार के पांच साल के कार्यकाल की उपलब्धियों को जनता तक बताने के लिए चुनाव से ठीक पूर्व कांग्रेस पार्टी के द्वारा भरोसे की यात्रा निकाला गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज अपने विधानसभा सीट पाटन से इसका शुभारंभ किया। ये यात्रा सभी 90 विधानसभाओं में आज निकाली जा रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सबसे पहले सेलुद गांव से इसकी शुरुआत की। सीएम भूपेश बघेल खुद बुलेट चलाकर कांग्रेस के युवाओं का उत्साहवर्धन किया। 52 किलोमीटर की भरोसा यात्रा गाड़ाडीह, जामगांव आर, रानितराई, असोगा, खर्रा पाटन और झीट गांव से होकर गुजरी। जिसमे पूरे समय तक सीएम ने बुलेट चलाते हुए राज्य सरकार की उपलब्धि को पाटन की जनता तक बताने का प्रयास किया। भरोसा यात्रा के दौरान सीएम भूपेश बघेल ने गांव के लोगों से मुलाकात किया। और पाटन के स्वंत्रता संग्राम सेनानीयों की मूर्तियों का भी अनावरण किया।
रानीतराई पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि भरोसे की यात्रा आज पूरे प्रदेश में सभी विधानसभा में निकली है। बहुत उत्साह है और भरोसे की यात्रा में आम जनता आशीर्वाद देने निकली है। जनता को पूरा भरोसा कांग्रेस पार्टी पर है, सीएम भूपेश बघेल ने पीएम मोदी के बस्तर दौरे को लेकर भी कहा कि हमने प्रधानमंत्री का कही भी कोई विरोध नहीं किया है। नगरनार प्लांट का मुद्दा बहुत पुराना है। 2017 में भी अशासकीय संकल्प आया था। जब सरकार में आए तो शासकीय संकल्प लाकर हमने कहा था, किसको निजी हाथों में ना बेचा जाए। उसको सार्वजनिक उपक्रम रखा जाए। ताकि स्थानीय लोगों को रोजगार मिल सके। लेकिन जो प्लांट अभी शुरू भी नहीं हुआ है, उसके निजीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जमीन एनएमडीसी को दिया गया था, उसे बनाने के लिए अब उसे निजी हाथों में सौंपा जा रहा है जो गलत है।