मोदी सरकार ने नीतीश सरकार को दे दिया ये सुझाव पूरे बिहार में दिखेगा असर
पटना। केंद्र सरकार का सुझाव है कि बाढ़ प्रबंधन की योजनाएं समय से पूरी की जाएं। बिहार के लिए यह सुझाव विशेषकर महत्वपूर्ण है। इस पहल से विलंब की स्थिति में परियोजना की लागत-राशि में वृद्धि की आशंका निर्मूल होगी। इसके अलावा, बाढ़ से जान-माल की क्षति पर नियंत्रण संभव होगा। मंगलवार को नई दिल्ली स्थित श्रमशक्ति भवन में हुई बैठक में इस संदर्भ मेंं विशेष चर्चा हुई।
जलशक्ति मंत्रालय की सचिव देबाश्री मुखर्जी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में बिहार का प्रतिनिधित्व जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल ने किया। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बाढ़ प्रबंधन तथा जल संसाधन प्रबंधन को सुदृढ़ करने के साथ आपसी सहयोग और समन्वय को बेहतर बनाना बैठक का उद्देश्य रहा।
उस दौरान ‘बाढ़ प्रबंधन एवं सीमावर्ती क्षेत्र कार्यक्रम’ (एफएमबीएपी) के तहत संचालित एवं प्रस्तावित योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की गई। मल्ल ने बिहार में बाढ़ प्रबंधन की महत्वपूर्ण योजनाओं की प्रगति से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि नेपाल से होकर आने वाली नदियों से बिहार में बाढ़ और कटाव की समस्या तो है ही नदियों में जमा गाद भविष्य के लिए कठिन चुनौती है।
बैठक में विभिन्न राज्यों में बाढ़ प्रबंधन की महत्वपूर्ण परियोजनाओं का क्रियान्वयन समय भीतर करने पर जोर रहा। केंद्र सरकार से राशि प्रतिपूर्ति की प्रक्रिया को तेज करने, अगले वित्त वर्ष के लिए नई योजनाओं के प्रस्ताव के साथ विभिन्न तकनीकी एवं नीतिगत सुधारों पर विस्तृत चर्चा हुई।
पेयजल योजनाओं के सम़ुचित क्रियान्वयन के उद्देश्य से बुधवार से दो दिनों तक स्थलीय निरीक्षण का राज्यव्यापी अभियान शुरू हो रहा है। इस दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में अधिष्ठापित सभी जलापूर्ति योजनाओं का सर्वेक्षण जिला स्तरीय पदाधिकारियों-कर्मियों द्वारा किया जाएगा। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचईडी) के प्रधान सचिव पंकज कुमार का निर्देश है कि निरीक्षण की रिपोर्ट पेयजल-एप पर दी जाए, ताकि कमी-कोताही दूर करने का उपाय समग्रता में किया जा सके।
उल्लेखनीय है कि पेयजल-एप से सक्षम अधिकारी स्वयं ही निर्धारित प्रारूप में निरीक्षण रिपोर्ट जमा कर सकेंगे। “हर घर नल का जल” सरकार के सात निश्चय की महत्वाकांक्षी योजना है। पिछले दिनों मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा ने सभी जिलाधिकारियों को पेयजल आपूर्ति की सभी योजनाओं के स्थलीय निरीक्षण का निर्देश दिया था। विशेष अभियान उसी आलोक में है।
उल्लेखनीय है कि जलापूर्ति योजनाओं के निरीक्षण के बाद रिपोर्ट प्रस्तुत करने हेतु पीएचईडी द्वारा पेयजल-एप विकसित किया गया है। इस एप के संचालन की जानकारी देने हेतु पिछले दिनों विभाग द्वारा वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण भी दिया गया था। उसके बाद निरीक्षण करने वाले पदाधिकारियों को उन प्रशिक्षकों ने प्रशिक्षण दिया।