दुर्ग

उधारी की रकम के लिए हत्या: साथियों ने गला घोंटा, शव के टुकड़े कर खदान में फेंके, फिर मांगी 30 लाख की फिरौती

उधार की रकम नहीं लौटाने पर एक अधेड़ की उसके ही साथियों ने हत्या कर दी। आरोपियों ने पार्टी का झांसा देकर पहले अधेड़ को मिलने के लिए बुलाया, फिर गला घोंट दिया। इसके बाद आरी से उसके शव के टुकड़े कर मुरुम खदान में फेंक आए। फिर घरवालों को कॉल कर 30 लाख की फिरौती भी मांगी। पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपी आदतन अपराधी हैं और पहले भी लूट केस में जेल जा चुके हैं। मामला पुरानी भिलाई थाना क्षेत्र का है।

जानकारी के मुताबिक, ओम प्रकाश साहू (48) 31 मई की शाम को घर से निकलने के बाद लापता हो गया। अगले दिन एक जून की सुबह उसकी पत्नी के पास एक कॉल आया। कॉल करने वाले ने ओम प्रकाश को अगवा करने की बात कही। साथ ही छोड़ने की एवज में 30 लाख रुपये की फिरौती मांगी। इस पर ओम प्रकाश की पत्नी पुलिस के पास पहुंच गई। पुलिस ने फिरौती के लिए आए कॉल के नंबर को ट्रेस किया और एक आरोपी आशीष तिवारी को हिरासत में ले लिया। उससे पूछताछ में हत्याकांड का खुलासा हुआ।

पहले गुमराह किया, फिर कबूला सच
पुलिस पूछताछ में आरोपी आशीष गुमराह करता रहा। उसने महादेव ऑनलाइन सट्टे के कारोबार को लेकर सुपारी किलिंग की बात बताई। हालांकि पुलिस को उसकी कहानी पर संदेह था। ऐसे में सख्ती से पूछताछ करने पर उसने सच उगल दिया। पुलिस ने उसकी निशानदेही पर ओम प्रकाश के शव को हथखोज हैवी इंडस्ट्रियल एरिया में मुरूम खदान से एक बोरी में बरामद कर लिया। इसके बाद पूछताछ के आधार पर सोमवार को दो अन्य आरोपियों रजनीश पांडेय और अनुज तिवारी की भी गिरफ्तारी कर ली गई।

पुलिस ने बताया कि, ओम प्रकाश और आशीष तिवारी के बीच रुपयों के लेन-देन को लेकर विवाद था। इसके चलते उसने पार्टी का झांसा देकर ओम प्रकाश को बुलाया। वहां पर दोनों के बीच पैसों को लेकर फिर विवाद हुआ। बात इतनी बढ़ी कि आरोपी आशीष ने अपने दोस्तों रजनीश और अनुज के साथ मिलकर ओम प्रकाश को जमकर पीटा, फिर गला घोंट दिया। जिस स्कूटी से ओम प्रकाश आया था उसी से शव को बांधकर खदान में फेंक दिया। शव को डिस्पोज करने के लिए आरोपियों ने दुकान से आरी भी खरीदी थी। जिससे उसके पैर काटे।

जेल में हुई थी जान पहचान
आरोपी आशीष तिवारी पहले भी लूट के मामले में जेल की सजा काट चुका है। ओम प्रकाश भी इस दौरान NDPS के मामले में जेल में बंद था। उसी दौरान उनकी जान पहचान हुई। फिर डेढ़ लाख रुपयों के पुराने लेन देन के कारण मामला हत्या तक जा पहुंचा। एसपी शलभ सिन्हा ने बताया कि हत्याकांड सिर्फ उधारी रुपयों को लेकर किया गया। आरोपी ने इसे महादेव ऑनलाइन सट्टे से जोड़कर जांच को भटकाने का प्रयास किया। हालांकि पुलिस की जांच में कोई लिंक नहीं मिला। आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है।

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