रायपुर। छत्तीसगढ़ में शिक्षा व्यवस्था को पारदर्शी, अनुशासित और तकनीकी रूप से मजबूत बनाने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने एक बड़ी पहल की है। अब प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों और विद्यार्थियों की उपस्थिति दर्ज करने के लिए मोबाइल एप का उपयोग किया जाएगा।
“विद्या समीक्षा केंद्र” के तहत विकसित इस एप को गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध करा दिया गया है। हर शिक्षक को इसे डाउनलोड कर पंजीकरण करना और प्रतिदिन अपनी उपस्थिति दर्ज करना अनिवार्य किया गया है। विभाग का मानना है कि इस व्यवस्था से वास्तविक समय पर उपस्थिति का रिकॉर्ड उपलब्ध होगा, जिससे विद्यालयों में अनुशासन और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा।
स्कूल शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव ने 4 सितंबर 2025 को हुई समग्र शिक्षा की समीक्षा बैठक में इस एप को तत्काल लागू करने के निर्देश दिए थे। हाल ही में वे गुजरात अध्ययन दौरे पर भी गए थे, जहां शिक्षा व्यवस्था में तकनीकी नवाचारों का अवलोकन किया। गुजरात मॉडल से प्रेरित होकर उन्होंने छत्तीसगढ़ में और भी उन्नत प्रणाली लागू करने पर जोर दिया।
छत्तीसगढ़ का यह एप गुजरात में उपयोग हो रहे एप से अधिक सुरक्षित और आधुनिक है। इसमें जियो-फेंसिंग फीचर जोड़ा गया है, जिससे शिक्षक केवल स्कूल परिसर के भीतर ही उपस्थिति दर्ज कर पाएंगे। इससे घर या अन्य स्थान से फर्जी उपस्थिति दर्ज करने की संभावना पूरी तरह खत्म हो जाएगी।
इस संदर्भ में जिला शिक्षा अधिकारियों महासमुंद, बेमेतरा, दंतेवाड़ा, सूरजपुर और रायगढ़ को निर्देशित किया गया है कि वे अपने-अपने जिलों में इस आदेश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें और सभी विद्यालयों के शिक्षकगण को एप के प्रयोग के लिए आवश्यक मार्गदर्शन एवं सहयोग प्रदान करें। विभाग का कहना है कि यह नई व्यवस्था न केवल उपस्थिति प्रणाली को अधिक व्यवस्थित और पारदर्शी बनाएगी, बल्कि विद्यार्थियों की शैक्षणिक प्रगति और विद्यालयीन गतिविधियों की निगरानी भी सरल और प्रभावी होगी।
शासन का विश्वास है कि इस तकनीकी पहल से छत्तीसगढ़ के विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता में सकारात्मक सुधार होगा तथा अनुशासन और कार्यकुशलता और अधिक सुदृढ़ होगी।

