नई दिल्ली। दूरसंचार विभाग (DoT) ने मोबाइल फोन के IMEI और अन्य टेलीकॉम आइडेंटिफायर से छेड़छाड़ को लेकर सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। विभाग ने मोबाइल निर्माताओं, ब्रांड मालिकों, आयातकों और विक्रेताओं को चेतावनी दी है कि अब IMEI बदलना गंभीर अपराध माना जाएगा, और इसके लिए नए कानून के तहत कठोर दंड तय किया गया है।
DoT की एडवाइजरी के अनुसार, टेलीकॉम आइडेंटिफायर या 15-अंकों वाले IMEI नंबर में छेड़छाड़ करने पर तीन साल तक की जेल, 50 लाख रुपये तक का जुर्माना, या दोनों का दंड लगाया जा सकता है। इस प्रकार के अपराध की सुनवाई गैर-जमानती और संज्ञेय अपराध के रूप में होगी। यह प्रावधान Telecommunications Act, 2023 और Telecom Cyber Security Rules, 2024 के तहत लागू किया गया है।
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दूरसंचार विभाग ने बताया कि IMEI में किसी भी तरह का बदलाव कानून-प्रवर्तन एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती बन जाता है। छेड़छाड़ की गई डिवाइसें ट्रैकिंग सिस्टम को भ्रमित कर देती हैं, जिससे अपराधियों तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है। इसी वजह से सरकार IMEI पंजीकरण और सुरक्षा को लेकर बेहद सख्त है।
कानून केवल IMEI बदलने तक ही सीमित नहीं है। ऐसी किसी भी डिवाइस का जानबूझकर उपयोग, खरीद, रखना या कस्टडी में रखना भी अपराध माना जाएगा। मोबाइल फोन, मॉडेम, SIM बॉक्स या कोई भी रेडियो उपकरण जिसमें IMEI में बदलाव किया गया हो, उसके कब्जे में होना भी दंड का कारण बन सकता है।
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विशेष रूप से प्रोग्रामेबल IMEI वाले फोन जिनके IMEI नंबर को बदला जा सकता है, वह भी कानून की दायरे में आते हैं। ऐसे उपकरणों का निर्माण, आयात, बिक्री, खरीद या उपयोग करने वालों पर वही दंड लागू होगा जो IMEI बदलने पर होता है।
DoT ने चेतावनी देते हुए कहा कि यह कदम देश में टेलीकॉम सुरक्षा को सुदृढ़ बनाने और अपराधियों को पकड़ने में आने वाली कठिनाइयों को कम करने के लिए उठाया गया है।

