छत्तीसगढ़बलरामपुर

ग्रामीणों के मुआवजे के नौ करोड़ खा गए अफसर: अमवार डैम के प्रभावितों के लिए मिली थी राशि, जल संसाधन के ईई सहित चार पर FIR

जल संसाधन विभाग के तत्कालीन कार्यपालन अभियंता सहित चार लोगों पर धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज की गई है। उत्तरप्रदेश में बन रहे अमवार डैम सहित अन्य परियोजनाओं के भू अर्जन के लिए करीब नौ करोड़ की राशि जल संसाधन विभाग को मिली थी। यह रुपये प्रभावितों को मुआवजे के रूप में दिए जाने थे। आरोप है कि इस राशि का इंजीनियर और अन्य लोगों ने मिलकर गबन कर लिया। मामले की शिकायत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के रामानुजगंज विधानसभा प्रवास के दौरान करीब डेढ़ साल पहले ग्रामीणों ने की थी। इसके बाद ईई को सस्पेंड कर विभागीय जांच के आदेश दिए गए थे।

मामला बलरामपुर जिले के जल संसाधन क्रमांक 2 रामानुजगंज का है। उत्तरप्रदेश में बन रहे अमवार डैम के डूबान में आने वाले सनावल क्षेत्र के प्रभावितों सहित अन्य जल संसाधन परियोजनाओं के डूबान भू प्रभावितों को मुआवजा देने के लिए राज्य शासन से 2021-22 में करीब 9 करोड़ रुपए प्राप्त हुए थे। इस राशि को नियमानुसार प्रभावितों को चेक के माध्यम से प्रदान किया जाना था। जल संसाधन के प्रभारी कार्यपालन अभियंता संजय कुमार ग्रायकर ने अपने अधीनस्थों के साथ मिलीभगत कर उसमें से 8 करोड़ 87 लाख 54000 रुपए का चेक निजी ठेका कंपनियों को काटते हुए राशि का बंदरबांट कर लिया।

मुख्यमंत्री से की गई थी मामले की शिकायत
करीब डेढ़ साल पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के रामानुजगंज प्रवास के दौरान ग्रामीणों ने मामले की शिकायत की थी। मुख्यमंत्री बघेल ने तत्कालीन ईई को सस्पेंड कर दिया था और जांच के आदेश दिए थे। विभागीय जांच में प्रभारी कार्यपालन अभियंता सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारियों को गबन का दोषी पाया गया। इसके बाद आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया गया। कार्यपालन अभियंता एनसी सिंह ने समस्त दस्तावेज व विभागीय जांच की प्रतिलिपि के साथ रामानुजगज थाने में मामले की प्राथमिकी 17 मार्च 2023 को दर्ज कराई है।

रामानुजगंज थाना प्रभारी संतलाल आयाम ने बताया कि मामले में संजय कुमार ग्रायकर तत्कालीन कार्यपालन अभियंता, मिथलेश कुमार पाण्डेय वरिष्ठ लेखा लिपिक, संजीव कुमार सिंह डाटा इंट्री आपरेटर, धीरज अभिषेक एक्का संभागीय लेखा अधिकारी एवं अन्य के खिलाफ धारा 409, 420, 467, 468, 471,120बी के तहत अपराध दर्ज किया है। मामले में ठेका कंपनियों के खिलाफ अपराध दर्ज नहीं हुआ है, जिनके नाम से चेक जारी कर फर्जीवाड़ा किया गया था। पुलिस जांच में निजी ठेका कंपनियों की खिलाफ भी अपराध दर्ज किया जाएगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button