बस्तर

एक कमरा, पांच कक्षाएं, 88 बच्चे और शिक्षक एक; मरम्मत के लिए चार माह पहले तोड़ी छत, फिर नहीं बनी

छत्तीसगढ़ सरकार शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई सारी याजनाएं संचालित कर रही है। दावा किया जा रहा है कि इससे ग्रामीण क्षेत्रों में भी शिक्षा का स्तर सुधरा है और बच्चे अब बड़ी संख्या में फिर से स्कूल जाने लगे हैं। हालांकि जगदलपुर में दरभा ब्लॉक मुख्यालय से महज चार किमी दूर प्राथमिक स्कूल की स्थिति इससे उलट है। यहां पांच कक्षाएं संचालित होती है, और 88 बच्चे भी पढ़ रहे हैं, लेकिन सभी एक ही कमरे में चल रही हैं। बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षक भी एक ही हैं। स्थिति ऐसी है कि मरम्मत के नाम पर चार माह पहले स्कूल की छत तोड़ी गई, जो अब तक नहीं बन सकी है।

ग्राम पंचायत छिदावाड़ा क्रमांक 2 में संचालित होने वाले प्राथमिक शाला कावारास में पहली से पांचवीं तक 88 बच्चे पढ़ाई करते हैं। गर्मियों की छुट्टी से पहले मरम्मत के लिए स्कूल की छत को तोड़कर सुधार कार्य किया जा रहा है। इसके बावजूद चार माह बीतने पर भी अब तक बच्चों के सिर पर छत नसीब नहीं हो पाई है। ऐसे में सभी कक्षाओं के बच्चे एक ही कमरे में बैठकर पढ़ रहे हैं। खास बात यह है कि इन सभी बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षक भी एक ही हैं थबीर कश्यप। जो पहली से लेकर पांचवीं तक की कक्षाओं में बच्चों को पढ़ाते हैं। इनके अलावा स्कूल अधीक्षक लखमू राम मौर्य हैं।

स्कूल के अधीक्षक लखमू राम मौर्य बताते हैं कि इस मामले की लेकर आला अधिकारियों को भी सूचना दी गई, लेकिन इस ओर कोई भी ध्यान नहीं दे रह है। जिसके चलते इन बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षक की कमी कई वर्षो से बनी हुई है। वहीं एकलौते शिक्षक को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा परेशानियों को देखते हुए ग्रामीण कई बार ज्ञापन भी सौंप चुके हैं, लेकिन अब तक इस मामले में कोई भी निर्णय नही निकला है। वहीं बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम कहते हैं कि मामले की जांच कराई जाएगी। उसके बाद ही आगे कुछ पता चल सकेगा।

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