राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु दो दिवसीय छत्तीसगढ़ प्रवास पर राजधानी रायपुर पहुंची। इस दौरान स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट पर छत्तीसगढ़ के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राष्ट्रपति का आत्मीय स्वागत किया।
राष्ट्रपति मुर्मू और राज्यपाल हरिचंदन ने किया पौधरोपण
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने आज राजभवन परिसर में पौधरोपण किया। मुर्मू ने पारिजात का पौधा लगाया और हरिचंदन ने श्वेत चम्पा का पौधा लगाया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अपनी बेटी इतिश्री के साथ रायपुर के महंत घासीदास स्मारक संग्रहालय पहुंचीं। यहां संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने उनका स्वागत किया। राष्ट्रपति यहां के संग्रहालय में छत्तीसगढ़ के पुरातात्विक वैभव से रूबरू हुईं और यहां की ऐतिहासिक पृष्टभूमि से जुड़ी पुरातन एवं संग्रहणीय वस्तुओं का अवलोकन किया। आदिवासी संस्कृति और आधुनिक शिल्प से संबंधित सामग्रियां के बारे में भी जानकारी ली। राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी राष्ट्रपति के साथ संग्रहालय का अवलोकन किया।
राष्ट्रपति के संबोधन की अहम बातें
छात्रों को संदेश धैर्य और कड़ी मेहनत के साथ अपनी रुचि के क्षेत्र में करें प्रयास, कभी निराश न हों
पूरी मानवता के कल्याण के लिए ब्रह्मकुमारी परिवार बहुत अच्छा कार्य कर रहा है। मैं इसके लिए बधाई देती हूं। सकारात्मक परिवर्तन को लेकर ओडिशा में यह कार्यक्रम शुरू हुआ है और मैं आज यहाँ आप सभी के बीच में भी हूँ।
मैं यहाँ पहले ही आ चुकी हूँ। फिर से बुलाने के लिए आप सभी को धन्यवाद। छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया !
एक ओर हमारा देश नित-नई ऊंचाइयों को छू रहा है, चांद पर तिरंगा लहरा रहा है या विश्वस्तर खेल में कीर्तिमान रच रहा है। हमारे देशवासी अनेक नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं।
दूसरी ओर एक अत्यंत गम्भीर विषय है कुछ दिन पहले नीट की तैयारी कर रहे दो विद्यार्थियों ने अपने जीवन, अपने सपनों अपने भविष्य का अंत कर दिया। ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए बल्कि हमें प्रतिस्पर्धा को सकारात्मक रूप से लेना चाहिए हार-जीत तो होती रहती है।
बच्चों का कांपिटिशन का प्रेशर है जितना जरूरी उनका करियर है। उतना ही जरूरी है कि वे जीवन की चुनौतियों का सामना कर सकें।
मुझे लगता है कि इस पाजिटिव थीम की सहायता से हम उन बच्चों की मदद कर सकते हैं जो बच्चे आधी-अधूरी जिंदगी जी कर चले जाते हैं।
हर बच्चे में अपनी विशिष्ट प्रतिभा है। अपनी रुचि को जानकर इस दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।
यह युग साइंटिफिक युग है। अभी के बच्चे बहुत शार्प माइंड के होते हैं। थोड़ा धैर्य कम होता है। हमारे ब्रह्मकुमारी परिवार के सदस्य कई बरसों से इस दिशा में काम कर रहे हैं।
मेरी आध्यात्मिक यात्रा में भी ब्रह्मकुमारी संस्था ने मेरा बहुत साथ दिया है। जब मेरे जीवन में कठिनाई थी तब मैं उनके पास जाती थी।
उनका रास्ता कठिन है पर कष्ट सहने से ही कृष्ण मिलते हैं इसलिए धैर्य का जीवन जीना चाहिए।
कष्ट सहकर ही हम सफलता हासिल कर सकते हैं। ब्रह्मकुमारी का रास्ता मुझे बहुत अच्छा लगा। आप सहजता से काम करते हुए आप अपनी जिंदगी को बेहतर तरीके से जी सकते हैं। जिंदगी जीने की कला वो सिखाते हैं।
आत्मविश्वास ही ऐसी पूंजी है जिससे हम अपना रास्ता ढूँढ सकते हैं। हम सभी टेक्नालाजी के युग में जी रहे हैं।
बच्चे आर्टिफिशियल इंजीनियरिंग की बात कर रहे हैं लेकिन यह भी जरूरी है कि दिन का कुछ समय मोबाइल से दूर रहकर भी बिताएं।
साइंस और टेक्नालाजी के साथ आध्यात्मिकता को भी जोड़े तो जीवन आसान हो जाएगा।
जिंदगी को कैसे सफलता से जीये, किस तरह सुख से जीवन जिये, इसका रास्ता बहुत सरल है।
हम केवल एक शरीर नहीं हैं। हम एक आत्मा हैं। परम पिता परमात्मा का अभिन्न अंग है। धैर्य सुख का रास्ता है। यह कठिन है लेकिन अभ्यास से यह रास्ता भी सहज हो जाता है।
मैं सभी से कहना चाहती हूं कि अपनी रुचि के साथ सकारात्मक कार्य करते रहिये। ऐसे लोगों के साथ रहिये जो आपको सही रास्ता दिखा सके।
ब्रह्मकुमारी में सब लोग भारत में ही नहीं दुनिया भर में शांति के लिए कार्य कर रहे हैं। सब शांति के विस्तार के लिए प्रयास कर रहे हैं।
प्रबल शक्ति से किये गये कार्य से सफलता मिलती है। ये दुनिया को बेहतर बनाने में अपना अमूल्य योगदान दे रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में आपने जो काम आरंभ किया है मैं उसके लिए आपको बधाई देती हूँ।
स्वर्णिम युग का स्वप्न जो हम देख रहे हैं रामराज्य के लिए हमें राम बनना होगा, सीता बनना होगा।
शारीरिक और मानसिक तत्व के लिए ये बहुत जरूरी है। यह केवल ब्रम्हकुमारी में सिखाया जाता है।
राज्यपाल के संबोधन की अहम बातें
सकारात्मक सोच से दुनिया की किसी भी चुनौती का कर सकते हैं सामना
आपके बीच उपस्थित होकर मुझे बहुत खुशी हो रही है। आज की बैठक का विषय ‘सकारात्मक परिवर्तन का वर्ष’ आज की दुनिया में बहुत उपयुक्त है। मैं कहना चाहूंगा कि सकारात्मक परिवर्तन का मतलब ऐसे परिवर्तन से है जिसका लाभ व्यक्ति, परिवार, समाज और राष्ट्र को हो।
जब कोई समाज सकारात्मक बदलाव को अपनाता है तब वह और अधिक मजबूत हो जाता है। हम सभी जानते हैं कि परिवर्तन प्रकृति का नियम है। जो रूढ़िवादी और परंपरावादी समाज अपनी मान्यताओं और परंपराओं को बदलना नहीं चाहता वह मुख्यधारा से कट जाता है।
समय और आवश्यकता के अनुसार समाज में परिवर्तन आवश्यक हो जाता है। जब तूफ़ान चलता है तो वही पेड़ सुरक्षित रहता है जो झुकना जानता है। इसलिए हमें परिस्थितियों के अनुसार ढलना चाहिए।
वर्तमान समय में हम सामाजिक एवं आर्थिक परिवर्तन के दौर से गुजर रहे हैं। सरकार भी समाज की भलाई के लिए काम कर रही है। देश को हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए ‘वोकल फॉर लोकल’ का नारा उठाया गया है। मकसद है कि देश में हर चीज तैयार हो। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी भी ‘आत्मनिर्भर भारत’ की वकालत करते हैं।
मैंने देखा है कि प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में दूसरों को बदलने के बजाय स्वयं परिवर्तन पर जोर दिया जाता है जो सराहनीय है।
मुझे लगता है कि आपकी संस्था आध्यात्मिक ज्ञान और राजयोग के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन के कार्य में सकारात्मक भूमिका निभा सकती है।
यह संस्था नशा मुक्ति कार्यक्रम के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय कार्य कर रही है। संस्था बस्तर जैसे सुदूर इलाकों में आदिवासियों को दिव्य ज्ञान और राजयोग की शिक्षा देकर व्यसनमुक्त बनाने का सराहनीय कार्य कर रही है। मैंने देखा है कि अध्यात्म, योग आदि की शिक्षा देकर अच्छे संस्कार पैदा किये जा सकते हैं।
सकारात्मक सोच अपनाकर हम दुनिया की किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं। मेरी कामना है कि सकारात्मक परिवर्तन का यह वर्ष आप सभी के जीवन में सुखद बदलावों का साक्षी बने और समाज खुशहाल रहे तथा हमारा देश हर तरह से समृद्ध हो।
सीएम भूपेश बोले- ऐसा लग रहा है कोई अपने घर का आया
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रजापिता ब्रम्हकुमारी ईश्वरीय विवि के कार्यक्रम में कहा कि ऐसा लगा जैसे कोई अपना, अपने ही घर आया है। राष्ट्रपति का आगमन छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए बहुत गौरवका क्षण है। उनकी इस यात्रा के लिए मैं छत्तीसगढ़ के तीन करोड़ नागरिकों की ओर से आपको बहुत धन्यवाद देता हूं। आज राष्ट्रपति, पूरे देश की मुखिया के आगमन से हम छत्तीसगढ़ के लोग विशेष आत्मीयता का अनुभव कर रहे हैं। ऐसा लग रहा है जैसे कोई अपना, अपने ही घर आया है। यह प्रदेश एक आदिवासी प्रदेश है, अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोग भी बहुत बड़ी संख्या में यहां निवास करते हैं। यह प्रदेश किसानों का प्रदेश है, यह वंचितों का प्रदेश है। सभी वंचितों को न्याय मिले, यह संविधान की भावना है।
उन्होंने कहा कि आप संविधान की रक्षक हैं, आपके आगमन से छत्तीसगढ़ के लोग बहुत सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ की बहुत लंबी सीमा ओडिशा से लगती है, इसलिए उत्कल संस्कृति के साथ हमारी सबसे अधिक साझेदारी है। हमारा रहन-सहन, खान-पान, आचार-विचार सबकुछ एक जैसा है। यहां तक की हमारा संघर्ष भी ओडिशा के वंचितों के संघर्ष जैसा ही है। यह बड़ा ही शुभअवसर है। रक्षाबंधन का समय है। प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के सकारात्मक परिवर्तन वर्ष का आज शुभारंभ भी हो रहा है। सामाजिक और आध्यात्मिक परिवर्तन की दिशा में इस संस्थान द्वारा किए जा रहे प्रयासों में यथासंभव भागीदार बनने के लिए प्रयत्नशील रहता हूं। छत्तीसगढ़ प्रदेश की नीतियों, योजनाओं और कार्यक्रमों के संचालन में प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय का आध्यात्मिक मार्गदर्शन हमें मिलता रहा है। मैं इसके लिए इस मंच से आभार व्यक्त करता हूं।
जानें राष्ट्रपति के दो दिवसीय दौरे का शेड्यूल
31 अगस्त
शाम 7.30 बजे राज्यपाल में आयोजित भोज में शामिल होंगी
1 सितंबर
राजभवन में रात्रि विश्राम करेंगी।
1 सितंबर की सुबह 8.45 बजे राजभवन से एयरपोर्ट के लिए रवाना होंगी
सुबह 9.5 बजे स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट पहुंचेंगी
सुबह 9.15 बजे एयरपोर्ट से बिलासपुर के लिए रवाना होंगी।
सुबह 10 बजे पंडित सुंदरलाल शर्मा ओपन यूनिवर्सिटी के हेलीपेड पहुंचेंगी
यहां से 10.40 बजे सड़क मार्ग से रतनपुर के लिए रवाना होंगी।
महामाया देवी मंदिर में पूजा अर्चना के बाद सुबह 11.35 बजे गुरु घासीदास विश्विविद्यालय पहुंचेंगी।
11.45 बजे से 12.30 बजे तक विश्वविद्यालय के 10वें दीक्षांत समारोह में शामिल होंगी।
दोपहर 12.45 बजे पंडित सुंदरलाल शर्मा विश्वविद्यालय के हेलीपेड से रायपुर रवाना
दोपहर 1.30 बजे रायपुर एयरपोर्ट पहुंचेंगी, वहां से राजभवन जाएंगी
दोपहर 1.55 बजे लंच करेंगी
शाम 4.15 बजे से 4.45 बजे तक छत्तीसगढ़ की विशेष संरक्षित जनजाति के लोगों से मुलाकात करेंगी।
शाम 5.45 बजे राजभवन से रवाना होंगी
शाम 5. 45 बजे स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट पहुंचेंगी।
ये रास्ते रहेंगे बंद
राष्ट्रपति के प्रवास के दौरान एयरपोर्ट से लेकर वीआईपी रोड, तेलीबांधा, शंकर नगर, गायत्री नगर, अनुपम नगर से लेकर सड्डू और राजभवन की सड़कें अलग-अलग समय में आधे-आधे घंटे तक बंद रहेंगी। उनके जाने के 15 मिनट बाद ही सड़कों को फिर खोला जाएगा। इससे करीब 50 हजार से ज्यादा गाड़ियों का आवाजाही प्रभावित रहेगी। हालांकि पुलिस ने इन सड़कों का ट्रैफिक डायवर्ट किया है।
परेशानी से बचने इन रास्तों का करें उपयोग
एयरपोर्ट जाने के लिए तेलीबांधा चौक से जीई रोड अग्रसेनधाम चौक, जोरा ब्रिज, सेरीखेड़ी से नवा रायपुर होकर एयरपोर्ट जाए। शहर आने के लिए तेलीबांधा, रिंग रोड-1, एक्सप्रेस-वे से होकर या फिर केनाल रोड होकर शहर पहुंचे। सिविल लाइन, शंकर नगर, गायत्री नगर आने के लिए सिविल लाइन से कलेक्टोरेट, केनाल रोड और पंडरी की सड़क का उपयोग करें। जोरा, पिरदा से कचना होकर खम्हारडीह, शंकर नगर, गायत्री नगर जा सकते हैं। अनुपम नगर जाने के लिए एसआरपी चौक से कलेक्टोरेट, पंडरी, अवंति बाई लोधीपारा चौक होकर शक्ति नगर से अनुपम नगर पहुंचे।
ये सड़कें रहेंगी प्रभावित
राष्ट्रपति के एयरपोर्ट से रवाना होने के 15 मिनट पहले ट्रैफिक को रोक दिया जाएगा। उनका काफिला गुजरने के 15 मिनट बाद सड़क को खोला जाएगा। सुबह 11-11.30 बजे तक एयरपोर्ट से वीआईपी तिराहा बंद रहेगा। दोपहर 2.35-3.05 बजे तक विधानसभा ओवरब्रिज, सड्डू, वीआईपी तिराहा आने वाली सड़क, 2.50-3.20 बजे तक वीआईपी तिराहा, वीआईपी स्टेट, अनुपम नगर, शंकर नगर टर्निंग पॉइंट और 3.05-3.45 बजे तक शंकर नगर से राजभवन तक सड़क बंद रहेगी। गुरुवार और शुक्रवार को सुबह सात बजे से लेकर दोपहर दो बजे तक बिलासपुर-रतनपुर मार्ग ब्लॉक रहेगा। शुक्रवार को मुर्मू रतनपुर स्थित महामाया देवी दर्शन करने जाएंगी। इसके बाद गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी के 10वें दीक्षांत समारोह में शामिल होंगी। उनकी सुरक्षा में पुलिस जवान तैनात किए गए हैं। चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल की तैनाती है।
पहली बार आयीं बेटी के साथ
राष्ट्रपति मुर्मू अपनी बेटी के साथ एक सितंबर को सेना के हेलीकाप्टर से बिलासपुर जाएंगी। यहां पर पं. सुंदरलाल शर्मा ओपन यूनिवर्सिटी के हेलीपेड में राज्यपाल हरिचंदन, सीएम भूपेश बघेल, मेयर रामशण यादव, कुलपति प्रो. आलोक चक्रवाल, रजिस्ट्रार प्रो. मनीष श्रीवास्तव, कमिश्नर केडी कुंजाम, आईजी डॉ. आनंद छाबड़ा, कलेक्टर संजीव झा, एसपी संतोष कुमार सिंह उनकी अगवानी करेंगे। राष्ट्रपति रतनपुर स्थित महामाया मंदिर जाएंगी। पूजा करने के बाद गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में शामिल होंगी।
इसके बाद राष्ट्रपति राजधानी के गायत्री नगर स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर पहुंची। यहां उन्होंने भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के दर्शन किए। यहा उन्होंने देशवासियों की सुख-समृद्धि एवं निरंतर प्रगति की कामना की। इस अवसर पर विधायक कुलदीप जुनेजा, विधायक बृजमोहन अग्रवाल आदि मौजूद रहे।
राष्ट्रपति ने रायपुर के ब्रह्म कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के शांति सरोवर रिट्रीट सेंटर में दीप प्रज्वलित कर पॉजिटिव चेंज ईयर 2023 का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में राष्ट्रपति का स्वागत शाल और प्रतीक चिन्ह से किया गया। राज्यपाल और मुख्यमंत्री का भी ब्रह्मकुमारी सेवा सरोवर की ओर से स्वागत हुआ। राष्ट्रपति ने दीप प्रज्वलित कर सकारात्मक परिवर्तन वर्ष 2023 का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में राष्ट्रपति का स्वागत शाल और प्रतीक चिन्ह से किया गया। राज्यपाल और मुख्यमंत्री का भी ब्रह्मकुमारी सेवा सरोवर की ओर से स्वागत हुआ।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दो दिवसीय छत्तीसगढ़ प्रवास पर राजधानी रायपुर पहुंची। इस दौरान स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट पर छत्तीसगढ़ के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राष्ट्रपति का आत्मीय स्वागत किया। इस दौरान रायपुर महापौर एजाज ढेबर, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा, रायपुर कलेक्टर डा. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल ने भी विमानतल पर राष्ट्रपति का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया।
एयरपोर्ट पर राष्ट्रपति को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। यह पहला मौका है, जब राष्ट्रपति अपनी बेटी के साथ सेंट्रल यूनिवर्सिटी बिलासपुर के दीक्षांत समारोह में शामिल होंगी। इसके अलावा धार्मिक कार्यक्रम में भी शामिल होंगी।