प्रधानमंत्री विरासत संवर्धन योजना
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय (एमओएमए) के संबंध में राष्ट्रीय ताने-बाने में उनके समावेशी विकास को सुनिश्चित करने के लिए शिक्षाएं कौशल आजीविका और रोजगार के क्षेत्र में अल्पसंख्यक और वंचित समुदायों के लिए अवसरों की सुविधा प्रदान करना है। इस आशय के लिए मंत्रालय ने एक नई एकीकृत योजना – प्रधानमंत्री विरासत का संवर्धन (पीएम विकास) शुरू की है। यह योजना 17 सतत् विकास लक्ष्यों (एसडीजी) में से 10 को लक्षित करती है, जो मंत्रालय की पांच मौजूदा आजीविका और शिक्षा योजनाओं को मिलाकर समावेशी और सतत विकास हासिल करना चाहती है। सीखो और कमाओं उत्साद हमारी धरोहर नई रोशनी और नई मंजिल। यह विशेष रूप से अल्पसंख्यक समुदायों से कारीगर परिवारों महिलाओं युवाओं और अलग-अलग विकलांगों पर जोर देने के साथ एक परिवार केंद्रित दृष्टिकोण अपनाने का प्रस्ताव करता है। इस योजना में निम्नलिखित शामिल है। कौशल और प्रशिक्षण घटक नेतृत्व और उद्यमितता घटक क्रेडिट समर्थन के साथ शिक्षा घटक और अवसंरचना विकास घटक का अवलोकन प्रधानमंत्री विकास ने संबंधित मंत्रालयों, सरकारी विभागों ज्ञान भागीदारों और एमओएमए के अन्य प्रमुख हितधारकों में अभिसरण के माध्यम से व्यापार पर्यटन और प्रौद्योगिकी के तीनों का लाभ उठाने का प्रस्ताव रखा है। इस योजना का व्यापक उद्देश्य भारत में कारीगरों अल्पसंख्यक समुदायों और उनके परिवारों को स्थायी आजीविका के अवसर प्राप्त करने और राष्ट्रीय मुख्यधारा में उनका एकीकरण सुनिश्चित करने के लिए सशक्त बनाना हैं योजना के संबंध में दिशा-निर्देश एवं अधिक जानकारी के लिए अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की वेबसाईट http://minorityaffairs.gov.in में देखा जा सकता है।