रायपुर

आश्वासन नहीं ठोस निर्णय पर होगा हड़ताल खत्म_ संविदाकर्मी 33 जिले के संविदाकर्मी डटे है तूता धरना स्थल पर

सोमवार को कमेटी को ज्ञापन देने संविदाकर्मियों को मंत्रालय की तरफ जाने से पुलिस ने रोक तो लिया किंतु संविदाकर्मियों के सरकार के प्रति आक्रोश बढ़ने से नहीं रोक पाए। कमेटी के नहीं आने के बाद कर्मचारियों ने ज्ञापन फाड़कर विरोध जताया । मंगलवार को बड़ी संख्या में संविदाकर्मी धरना स्थल रायपुर में शामिल हुए और नियमितिकरण हेतु हुंकार भरते हुए कहा कि मात्र सरकार के हड़ताल तोड़ने के हथकंडे आश्वासन पर हड़ताल खत्म नहीं करेंगे अपितु जब तक सरकार नियमितिकरण को लेकर ठोस निर्णय नहीं लेती तब तक हड़ताल जारी रहेगा।

महासघ के प्रांत अध्यक्ष कौशलेश तिवारी ने बताया कि सरकार के पौने पांच साल बीत जाने के बाद भी नियमितिकरण के संबंध में निर्णय नहीं लिया गया है। 2018 में चुनाव पूर्व जनघोषणा पत्र में आश्वासन मिला, सरकार आने के बाद भी 2019 में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा आश्वासन मिला। जब भी संविदा कर्मचारी कांग्रेस नेताओं से मिले उन्हें मात्र आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला।
कार्यकारी अध्यक्ष अशोक कुर्रे ने बताया कि 2022 के मनरेगा कर्मचारी76 दिनों के हड़ताल को भी मात्र आश्वासन देकर तोड़वा दिया गया । आजपर्यंत उन वादों पर अमल नहीं किया गया।
कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सिन्हा ने कहा कि आंदोलनरत कर्मचारी इस बार बिना ठोस निर्णय के जाने वाले नहीं हैं । चुंकि इस सरकार का इतिहास है कि यह हड़ताल तो आश्वासन देकर तोड़वा तो देती है किंतु उस पर अमल नहीं करती।

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