अध्ययन: किशोरियों को ‘कमजोर’ कर रहा एनीमिया, 10 में छह पीड़ित ; देश के कई संस्थानों के शोध में खुलासा
देश की किशोरियों को एनीमिया कमजोर कर रहा है। स्थिति यह है कि 10 में छह किशोरी एनीमिया ग्रस्त हैं। देश के 21 राज्यों में हर साल एनीमिया का दायरा बढ़ता जा रहा है। यह जानकारी बनारस हिंदू विवि सहित देश के कई संस्थानों के संयुक्त अध्ययन में सामने आई है।
शोधकर्ताओं ने अध्ययन में राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एचएफएचएस) के आंकड़ों का विश्लेषण किया है। पीएलओएस ग्लोबल पब्लिक हेल्थ जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, 15 से 19 वर्ष की आयु की किशोरियों में एनीमिया बड़ा स्वास्थ्य जोखिम बना हुआ है। एनीमिया शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की कमी या खराब लाल रक्त कोशिकाओं के कारण होता है। इसके कारण शरीर के अंगों में ऑक्सीजन पहुंचना कम होने लगती है। अध्ययन में शोधकर्ताओं ने 2015-16 और 2019-21 के एचएफएचएस के आंकड़ों को शामिल करते हुए क्रमशः 1,16,117 और 1,09,400 किशोरियों के स्वास्थ्य को लेकर समीक्षा की है।
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शोधकर्ताओं का कहना है कि देश में अभी भी 18 वर्ष से पहले किशोरियों का विवाह हो रहा है और ऐसे मामलों में एनीमिया की व्यापकता भी सबसे अधिक देखने को मिली है। अध्ययन में शामिल 70 फीसदी किशोरियां ग्रामीण क्षेत्रों से हैं, जो यह बताता है कि एनीमिया की परेशानी शहरों से अधिक ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ रही है।