बालोद

गोवा घूमने वाले शिक्षकों पर गिरेजी गाज: 3 प्राचार्यों की टीम करेगी जांच, मेडिकल लीव बनाने वाले BMO पर भी संकट

बोर्ड परीक्षाओं के दौरान मेडिकल लीव लेकर गोवा भ्रमण करने वाले शिक्षकों के संदर्भ में खबर प्रकाशन के बाद बड़ा असर हुआ है। शिक्षा विभाग पूरी तरह मामले को लेकर एक्टिव हो गया है। वहीं, जिन विद्यालयों में यह शिक्षक अध्ययन कर आते हैं उन विद्यालयों के शाला प्रबंधन समिति भी अपने स्तर पर बैठक कर रिपोर्ट तलब करने की बात कह रही है। ग्राम ठेकवा के शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष नोहर साहू ने बताया कि जिस तरह की बातें सामने आ रही है वह बिल्कुल ही अनैतिक है और हम आज बैठक कर रहे हैं। पूरी रिपोर्ट शिक्षक के मुंह से सुनना चाहते हैं। वहीं, 3 सदस्यीय टीम टीम का गठन किया गया है। क्योंकि शिक्षक काफी लंबे समय से लोगों के रडार पर थे परंतु इनके कुछ पुख्ता मामले सामने नहीं आ पा रहे थे।

दो शिक्षक जो कि बोर्ड परीक्षाओं के दौरान मेडिकल लीव लगाकर गोवा भ्रमण करने गए थे। उन्होंने ही सोशल मीडिया में अपनी तस्वीरों को वायरल कर दिया था। जिसके बाद से मामला प्रकाश में है। मेडिकल रिपोर्ट बनाने वाले बीएमओ डॉक्टर घनराम रावटे पर भी कार्रवाई की तलवार लटक रही है। विकास खंड शिक्षा अधिकारी ललित चंद्राकर ने बताया कि सभी तरफ से इन शिक्षकों के ऊपर कार्रवाई के लिए बातें आ रही हैं। दोनों शिक्षकों ने शिक्षण व्यवस्था को पार्टटाइम और जमीन के काम को फुल टाइम बनाकर रखा था। सूत्रों के हवाले से यह खबर आई है कि यह एक स्थानीय व्यवसाई के शागिर्द के रूप में काम करते हैं। दोनों शिक्षकों के स्टाफ ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि स्कूल से आए दिन नदारद हो जाते थे।
तीन प्राचार्यों के टीम का गठन
विकास खंड शिक्षा अधिकारी ललित चंद्राकर ने बताया कि जिले पर जो आदेश मिले हैं। उसके अनुसार तीन प्राचार्यों की एक समिति का गठन किया गया है। जो कि, जांच रिपोर्ट तलब करेगी। उन्होंने बताया कि मामला चूंकि इतना गंभीर हो चला है इसके लिए यहां पर उनके आने जाने की टिकट सहित जहां पे रुके थे सभी चीजों की बारीकी से जांच किया जाएगा। जिसके बाद पूरे विषय में जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं, विकास खंड शिक्षा अधिकारी ने भी बताया कि सभी तरफ से इस मामले में कार्रवाई के लिए बातें सामने आ रही है।

बीएमओ घनाराम रावटे भी जांच के दायरे में
गुरुर के विकास खंड चिकित्सा अधिकारी बीएमओ घनाराम रावटे जिन्होंने इन दो शिक्षकों का मेडिकल लीव जारी किया था। उसने मामले पर अपनी बातों को रखा है उन्होंने कहा कि मैंने उन्हें जांच कराने के लिए कहा था। परंतु उन्होंने हॉस्पिटल में जांच नहीं कराई वहीं जब हमने स्कूल में मेडिकल रिपोर्ट जाकर देखा तो यह पता चला कि डॉ. बीएमओ घनाराम रावटे ने ही पहले अनफिट प्रमाण पत्र दिया। उसके बाद फिट प्रमाण पत्र भी दिया है। पूरे मामले में खबर प्रकाशन के बाद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जेएल उइके ने मामले को संज्ञान में लिया है और उन्होंने भी बीएमओ के ऊपर जांच एवं कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

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इन जमीनों में हो सकती है हिस्सेदारी
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिस शागिर्द के नुमाइंदों के रूप में यह शिक्षक काम करते हैं। उनकी जमीन गुरुर नगर के सरस्वती शिशु मंदिर के आसपास प्लॉट कटिंग के लिए तैयार है। जिसमें इनके पार्टनरशिप हो सकती है। वहां मौरम बिछाकर प्लाटिंग की तैयारी हो चुकी है। देखने से वह कृषि भूमि प्रतीत हो रहा है। प्रशासन ने शिशु मंदिर के आसपास के जमीनों के नकल जारी करने पर प्रतिबंध भी लगा दिए गए हैं। कुछ जमीने तो ऐसी हैं जिन्हें बेचने के बाद रजिस्ट्री के लिए चक्कर काटे जा रहे हैं और कुछ पुराने रिकॉर्ड में तालाब इत्यादि के नाम से भी दर्ज थे।

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