रौतिया समाज में दो फाड़, आज होने वाले महासम्मेलन के भाजपाईकरण करने पर समाज के पूर्व अध्यक्ष ने जताया विरोध
जशपुर जिले के कंडोरा गाँव मे आज आयोजित रौतिया महा सम्मेलन को लेकर फिर से एक नया बखेड़ा शुरू हो गया है। अब इस आयोजन को लेकर समाज के ही लोगों ने कड़ी आपत्ति की है। इनका कहना है कि समाज के हित के लिए हो रहे इस सामाजिक सम्मेलन में विशेष राजनैतिक दल के नेताओ को बुलाना नितांत गलत है क्योंकि इस सम्मेलन में आमंत्रित किये गए विशेष दल का एक भी नेता रौतिया समाज से नही है सिवाय पवन साय को छोड़कर ।
समाज के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर सिंह की एक चिट्ठी जिसमे उक्त बातों का उल्लेख है। इस चिट्ठी में समाज के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ने साफ साफ लिखा है कि समाज के उत्थान और विकास के उद्देश्य से रौतिया समाज के हो रहे इस भव्य महासम्मेलन में उन लोगों की कोई दरकार नहीं है जो समाज के ही नहीं है ।
ज्ञात हो कि इस आयोजन को लेकर शुरू से ही विवाद हो रहा है। पहला विवाद तब शुरू हुआ जब इस आयोजन में भाजपा के प्रदेश प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष ,भाजपा के संगठन मंत्री सहित तमाम दिग्गज नेताओं को आमंत्रित करने के बावजूद इस आयोजन में जिले के बड़े आदिवासी नेता विष्णुदेव साय और गणेशराम भगत को इस आयोजन से दरकिनार कर दिया गया ।इसके बाद आयोजन से एक दिन पूर्व रौतिया समाज के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष की चिट्ठी वायरल हो जाने से समाज के हो रहे इस सम्मेलन में दूसरा बखेड़ा खड़ा हो गया है।
जानकारी के मुताबिक आज होने वाले इस आयोजन में भाजपा के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर , प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ,भाजपा के संगठन मंत्री पवन साय, सांसद गोमती साय और पूर्व वन मंत्री महेश गागड़ा को आमंत्रित किया गया है ।
बहरहाल ,समाज के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और समाज के लोगों के द्वारा इस आयोजन पर किस तरह की आपत्ति जताई गई है जरा इसे भी पढ़ लीजिए
ये है लेटर
उपरोक्त विषयांतर्गत लेख है कि प्रतिवर्ष कि भांति इस वर्ष भी अखिल भारतीय रौतिया समाज विकास परिषद क्षेत्रिय शाखा छत्तीसगढ़ के द्वारा दिनाँक 01/10/2023 स्थान कण्डोरा (कुनकुरी) में रौतिया महासम्मेलन का आयोजन किया गया है। जिसमें अतिथिगण के रूप में श्री ओमप्रकाश माथुर जी, डा. रमन सिंह जी, पवन साय जी, अरूण साव जी, गोमती साय जी एवं महेश गागड़ा इत्यादि शामिल हैं।
माननीय महोदय चुँकि रौतिया महासम्मेलन के आयोजन का उद्देश्य समाज की संस्कृति, देश-भूषा, खान-पान, रीति-रिवाज, परम्परा एवं अन्य सामाजिक विषयों पर आत्म चिंतन-मनन-मंथन कर उसके अनुसार समाज को सही दिशा देने का होता है। जो की समाज के वरिष्ठ एवं अनुभवी जनों के मार्गदर्शन में सम्पादित होता है, जिसमे विशुद्ध रूप से सामाजिक उत्थान की बात होती है जिसके लिए रौतिया समाज स्वयं सक्षम एवं परिपूर्ण है।
किंतु इस महासम्मेलन में आमंत्रित अतिथिगण एक विशेष राजनैतिक दल से संबंध रखते है, जिसमें पवन साय जी को छोड़कर अन्य अतिथिगण रौतिया समाज से नहीं हैं बावजूद इसके इनकी उपस्थिति हमारे सामाजिक विषयों के आत्म चिंतन-मनन-मंथन तथा दशा एवं दिशा निर्धारण में सर्वथा अनुचित है। क्योंकि यह सम्मेलन सामाजिक सम्मेलन ना होकर एक विशेष दल के राजनैतिक सम्मेलन का बोध करा रहा है। किसी भी समाज का सामाजिक मंच राजनैति मंच नहीं होना चाहिए जबकि समाज के प्रत्येक व्यक्ति अपने निजी राजनैतिक विचारों के लिए स्वतंत्र है।
अतः उपरोक्त कारणों से हम रौतिया महासम्मेलन दिनाँक 01/10/2023 में आमंत्रित राजनैतिक अतिथियों का विरोध करते हैं।