दीवाली में रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक पटाखे जलाने पर रहेगा प्रतिबंध
दीपावली, छठ, गुरु पर्व, क्रिसमस एवं नया वर्ष के त्योहार पर चलाए जाने वाले पटाखों से होने वाले वायु, ध्वनि प्रदूषण को रोकने के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों की पालन करने के निर्देश दिए हैं.
सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे तक ध्वनि उत्पन्न करने वाले पटाखों का उपयोग प्रतिबंधित किया है. साथ ही ध्वनि उत्सर्जित करने वाले पटाखे शांत परिक्षेत्र या रात्रि समय में उपयोग नहीं करने के संबंध में निर्देश जारी किए है.
छत्तीसगढ़ शासन आवास एवं पर्यावरण विभाग के विशेष सचिव महादेव कावरे ने नगरीय प्रशासन एवं विकास, सभी कलेक्टर पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर माननीय नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल, प्रिंसिपल बेंच, नई दिल्ली द्वारा पटाखों के उपयोग के संबंध में ओ. ए. क्रमांक 249 / 2020 में पारित आदेश दिनांक 09/11/2020 के परिपालन में आवश्यक कार्यवाही किये जाने पत्र लिखा है जिसमें राज्य में केवल हरित पटाखों का विक्रय एवं उपयोग सुनिश्चित करने निर्देश दिया है
दीपावली, छठ, गुरु पर्व तथा नया वर्ष / क्रिसमस के अवसर पर पटाखों को फोड़ने की
अवधि 02 घंटे निर्धारित की गई है, जो निम्नानुसार है :-
1. दीपावली रात्रि 8:00 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक
2. छठ पूजा प्रातः 6:00 बजे से प्रातः 8:00 बजे तक
3. गुरु पर्व – रात्रि 8:00 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक
4. नया वर्ष / किसमस रात्रि 11:55 बजे से रात्रि 12:30 बजे तक
छत्तीसगढ़ राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना दिनांक 29/11/2017 के आदेश के तहत फटाखों के जलाने से शीत ऋतु में वायु प्रदूषण में वृद्धि होती है। अतः वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1981 (1981 का सं. 14) की धारा 19 की उप-धारा (5) के अधीन प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए राज्य सरकार द्वारा रायपुर, बिलासपुर, भिलाई- दुर्ग, रायगढ़ एवं कोरबा के नगरीय क्षेत्रों में प्रतिवर्ष 01 दिसम्बर से 31 जनवरी तक की अवधि में फटाखों का जलाया जाना प्रतिबंधित किया गया है।
माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा याचिका क्रमांक 728/2015 में दिनांक 23/10/2018 को पारित आदेश के अनुरूप पटाखों के उपयोग के संबंध में अन्य निर्देश निम्नानुसार हैं:-
1. कम प्रदूषण उत्पन्न करने वाले इम्प्रूव्ड एवं हरित पटाखों की बिकी केवल लाईसेंस्ड ट्रेडर्स द्वारा की जा सकेगी।
2. केवल उन्हीं पटाखों को उपयोग के लिये बाजार में बेचा जा सकेगा, जिनसे उत्पन्न ध्वनि का स्तर निर्धारित सीमा के भीतर हो ।
3. सीरीज पटाखे अथवा लड़ियों की बिक्री, उपयोग एवं निर्माण प्रतिबंधित किया गया है।
4. पटाखों के ऐसे निर्माताओं का लाईसेंस भी रद्द करने के निर्देश दिये गये हैं, जिनके द्वारा पटाखों में लिथीयम, आर्सेनिक, एन्टिमनी, लेड एवं मर्करी का उपयोग किया गया है।
5. ऑनलाईन अर्थात् ई-व्यापारिक वेबसाईटों जैसे फ्लिपकार्ट, अमेजॉन आदि से
पटाखों की बिक्री प्रतिबंधित रहेगा।
उपरोक्त निर्देशों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये।
पटाखों का बहुतायत में उपयोग होने से वायु प्रदूषण के स्तर में वृद्धि होती है। अतः निर्देशित है कि माननीय उच्चतम न्यायालय एवं माननीय नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल, प्रिंसिपल बेंच, नई दिल्ली द्वारा पटाखों के उपयोग के संबंध में उल्लेखित आदेशों के माध्यम से जो मार्गदर्शिका जारी की गई है, उसका कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जावे।