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Gautam Adani को चार दिन में तीसरा झटका, अमेरिकी SEC ने गौतम अडाणी और सागर को भेजा समन

अडाणी समूह (Adani Group) के चेयरमैन और देश के दूसरे अमीर उद्योगपति गौतम अडाणी (Gautam Adani) को चार दिन में तीसरा झटका लगा है। अमेरिकी सिक्योरिटीज एंड कमीशन (USA SEC) ने शनिवार को अडाणी ग्रुप (Adani Group) के चेयरमैन गौतम अडाणी और उनके भतीजे सागर अडाणी (Sagar Adani) को समन भेजा है। अमेरिकी SEC ने अडाणी को उन पर लगे 265 मिलियन डॉलर (2236 करोड़ रुपये) रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के आरोपों पर रुख स्पष्ट करने के लिए तलब किया है। दोनों को 21 दिन के अंदर जवाब देना होगा।अडाणी इस दौरान जवाब देने में विफल रहते हैं, तो शिकायत में मांगी गई राहत के लिए अडाणी के खिलाफ फैसला लिया जाएगा। जवाब अदालत में दाखिल करना होगा।

 

दरअसल न्यूयॉर्क ईस्टर्न डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के माध्यम से भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि ‘इस समन की तामील के 21 दिनों के अंदर (जिस दिन आपको यह समन मिला, उसे छोड़कर) आपको वादी (SEC) को अटैच्ड शिकायत का जवाब देना होगा। फेडरल रूल्स ऑफ सिविल प्रोसीजर के नियम 12 के तहत एक मोशन सर्व करना होगा।बता दें कि अमेरिका में धोखाधड़ी और 265 मिलियन डॉलर (करीब 2236 करोड़ रुपये) की रिश्वत देने के आरोप में अडाणी के खिलाफ यह गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स (Reuters) की रिपोर्ट के मुताबिक, न्यूयॉर्क फेडरल कोर्ट (New York Federal Court) ने गौतम अडाणी और उनके भतीजे सागर अडाणी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। यह पूरा मामला अडानी ग्रुप की कंपनी अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (Adani Green Energy) और एक अन्य फर्म से जुड़ा हुआ है।

 

गौतम अडाणी समेत 8 लोगों पर अरबों रुपए की धोखाधड़ी का आरोप
अमेरिका में सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने बुधवार को इस मामले में गौतम अडानी के भतीजे सागर अडानी, अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के अधिकारियों समेत एक अन्य फर्म एज्योर पावर ग्लोबल लिमिटेड के कार्यकारी सिरिल काबेनेस के खिलाफ भी आरोप लगाए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर के साथ ही 7 सात अन्य प्रतिवादियों ने अपनी रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी को कॉन्ट्रेक्ट दिलाने और भारत की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा संयंत्र परियोजना विकसित करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को लगभग 265 मिलियन डॉलर की रिश्वत देने पर सहमति जताई थी।

अमेरिकी निवेशकों का पैसा, इसलिए वहां केस

अडाणी पर आरोप है कि रिश्वत के इन पैसों को जुटाने के लिए उन्होंने अमेरिकी निवेशकों और बैंकों से झूठ बोला। अमेरिका में मामला इसलिए दर्ज हुआ, क्योंकि प्रोजेक्ट में अमेरिका के इन्वेस्टर्स का पैसा लगा था और अमेरिकी कानून के तहत उस पैसे को रिश्वत के रूप में देना अपराध है।

2 अरब डॉलर के मुनाफे से जुड़ा मामला
ऐसा दावा किया गया कि ये पूरा मामला अरबों डॉलर के मुनाफे से जुड़ा हुआ है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अभियोजकों ने आरोप लगाया है कि इस कॉन्ट्रेक्ट के जरिए अडानी ग्रुप को 20 सालों में करीब 2 अरब डॉलर से ज्यादा का मुनाफा होने की उम्मीद थी। अधिकारियों को ये रिश्वत 2020 से 2024 के बीच दिए जाने का आरोप लगाया गया है। इसके साथ ही ये आरोप भी लगाया गया है कि इस मुनाफे के लिए अमेरिका समेत अन्य देशों के निवेशकों और बैंकों से झूठ बोला गया। अभियोजकों ने यह दावा भी किया है कि अडानी ग्रीन एनर्जी के एक अन्य कार्यकारी, पूर्व सीईओ विनीत जैन ने कर्जदाताओं और इन्वेस्टर्स से अपने भ्रष्टाचार को छिपाकर 3 अरब डॉलर से अधिक का लोन और बांड जुटाए थे. बता दें कि विनीत जैन 2020 से 2023 तक कंपनी के CEO थे।

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