वाराणसी।
इस साल शारदीय नवरात्र विशेष संयोग के साथ आ रहे हैं। आमतौर पर नौ दिनों तक चलने वाले नवरात्र इस बार दस दिन के होंगे। 22 सितंबर से शुरू होकर 2 अक्तूबर को विजयदशमी के साथ इनका समापन होगा। इसके साथ ही दीपावली उत्सव की शृंखला भी शुरू हो जाएगी।
ज्योतिषाचार्य अमित चतुर्वेदी के अनुसार, इस बार चतुर्दशी तिथि में वृद्धि के कारण नवरात्रों की अवधि बढ़ गई है। प्रतिपदा तिथि 22 सितंबर को सुबह 1:25 बजे शुरू होगी और 23 सितंबर की रात 2:57 बजे तक रहेगी। इसी वजह से नवरात्र दस दिन के हो गए हैं।
30 सितंबर को अष्टमी, 1 अक्तूबर को महानवमी
इस बार अष्टमी व्रत 30 सितंबर को और महानवमी 1 अक्तूबर को मनाई जाएगी। खास बात यह है कि इस बार दो दिनों तक चतुर्थी तिथि रहने से मां कुष्मांडा की पूजा भी दो दिनों तक होगी।
हाथी पर आएंगी माता, प्रस्थान मनुष्य के कंधे पर
पंडित चतुर्वेदी ने बताया कि इस बार शारदीय नवरात्र में माता दुर्गा का आगमन हाथी पर हो रहा है, जो समृद्धि और वर्षा का संकेत माना जाता है। वहीं, माता का प्रस्थान मनुष्य के कंधे पर होगा, जिसे सामान्य जनमानस से जुड़ाव और स्थायित्व का प्रतीक माना गया है।
तिथि का बढ़ना शुभ संकेत
ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, तिथियों का बढ़ना शुभ माना जाता है। इससे देश में शांति, उन्नति और सुख-समृद्धि का वातावरण बनता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, यह संयोग सकारात्मक ऊर्जा लेकर आता है और समाज में सद्भाव का संदेश देता है।

