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*छत्तीसगढ़ को दो वंदेभारत ट्रेनें.. स्पीड 130, स्टाॅपेज भी कम रहेंगे; बिलासपुर और गोंदिया में डिपो, पहली ट्रेन बिलासपुर से दिल्ली यात्रा, दूसरी गोंदिया से रायपुर होकर झारसुगुड़ा तक*

वंदेभारत ट्रेन के लिए बिलासपुर तथा छत्तीसगढ़ से लगे गोंदिया में कोचिंग डिपो का काम शुरू हो गया है। इस आधार पर रेल अफसरों का कहना है कि छत्तीसगढ़ को दो वंदेभारत ट्रेनों की सुविधा मिलेगी। पहली ट्रेन के बिलासपुर से संपर्क क्रांति रूट से दिल्ली जाएगी।

दूसरी ट्रेन गोंदिया से चलकर रायपुर-बिलासपुर होती हुई झारसुगुड़ा (ओड़िशा) जा सकती है। दिल्ली वाली वंदेभारत ट्रेन रायपुर नहीं आएगी। अभी बिलासपुर से दिल्ली की यात्रा में 18 घंटे लग रहे हैं, लेकिन वंदेभारत से बिलासपुर से दिल्ली का सफर करीब 14 घंटे में ही पूरा हो सकता है। इसी तरह, गोंदिया से वंदेभारत चली तो यह रायपुर से सिर्फ 4 घंटे में झारसुगुड़ा पहुंच जाएगी। अभी इसमें साढ़े 6 घंटे लग रहे हैं।

छत्तीसगढ़: वंदेभारत ट्रेन के लिए बिलासपुर तथा छत्तीसगढ़ से लगे गोंदिया में कोचिंग डिपो का काम शुरू हो गया है। इस आधार पर रेल अफसरों का कहना है कि छत्तीसगढ़ को दो वंदेभारत ट्रेनों की सुविधा मिलेगी। पहली ट्रेन के बिलासपुर से संपर्क क्रांति रूट से दिल्ली जाएगी।

दूसरी ट्रेन गोंदिया से चलकर रायपुर-बिलासपुर होती हुई झारसुगुड़ा (ओड़िशा) जा सकती है। दिल्ली वाली वंदेभारत ट्रेन रायपुर नहीं आएगी। अभी बिलासपुर से दिल्ली की यात्रा में 18 घंटे लग रहे हैं, लेकिन वंदेभारत से बिलासपुर से दिल्ली का सफर करीब 14 घंटे में ही पूरा हो सकता है। इसी तरह, गोंदिया से वंदेभारत चली तो यह रायपुर से सिर्फ 4 घंटे में झारसुगुड़ा पहुंच जाएगी। अभी इसमें साढ़े 6 घंटे लग रहे हैं।

वंदेभारत हाईस्पीड ट्रेनों का प्रोजेक्ट धरातल पर आ गया है। रेलवे की ओर से जारी संभावित सूची में छत्तीसगढ़ भी शामिल था। अब लगभग साफ हो गया है कि छत्तीसगढ़ को दो वंतेभारत ट्रेनें मिलने की स्थिति बन गई है क्योंकि गोंदिया और बिलासपुर में केवल वंदेभारत ट्रेन के लिए 50-50 करोड़ रु. से कोचिंग डिपो बनाने का काम शुरू हो गया।

*स्पीड 130, स्टाॅपेज भी कम रहेंगे*

हाल में रेलवे की सीआरएस टीम ने दुर्ग से झारसुगड़ा के बीच ट्रेन को 130 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चलाकर परीक्षाण कर लिया है। सूत्रों के अनुसार यह ट्रायल भले ही वंदेभारत ट्रेन के लिए नहीं था, लेकिन यह साफ हो गया कि इस ट्रैक में हाई स्पीड ट्रेन आसानी से चला सकते हैं। यह ट्रायल सफल तो था, लेकिन अभी रेलवे से इसके अप्रूवल का इंतजार है। वंदेभारत भी करीब 130 किमी की रफ्तार से चलती है। यात्रा में समय कम लगने के पीछे एक वजह यह भी है कि स्टॉपेज कम रहेंगे।

*वंदेभारत ट्रेन का कोचिंग डिपो अलग ही होगा*

वंदेभारत ट्रेन का कोचिंग डिपो अलग रहेगा, यानी इसमें वंदेभारत के अलावा कोई ट्रेन नहीं रखी जाएगी। बिलासपुर और गोंदिया कोचिंग डिपो में ट्रेन की सफाई और जरूरी मरम्मत होगी। वहां से ट्रेन स्टेशन पहुंचेगी। रेलवे अफसरों ने बताया कि वंदेभारत की खासियत है कि आने वाले कुछ समय में इसकी स्पीड बढ़ाकर 160 से 180 किमी प्रतिघंटा की जा सकती है। वंदे भारत ट्रेन के कोच भी अपग्रेड किए गए हैं। इसका सीटिंग अरेंजमेंट थोड़ा अलग है, इसलिए पूरे कोच में तकनीकी सुधार हुए हैं।

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