भाजपा राज में शासकीय दफ्तरों में जमकर कमीशनखोरी, दलाल सक्रिय : विनोद चंद्राकर
श्रम कार्यालय में हजारों आवेदन पेंडिंग, रूपए की मांग की जा रही, पुराने पेंडिंग आवेदनों का 15 दिन के भीतर निराकरण नहीं किया तो श्रम कार्यालय का घेराव
महासमुंद। भाजपा सरकार प्रशासनिक तंत्र पर अंकुश लगाने में विफल साबित हो रही है। प्रशासन के माध्यम से सरकार की योजनाओं का लाभ जनता को मिलता है। वर्तमान में सरकार के सरंक्षण में प्रशासनिक अधिकारी मनमानी पर उतर आए हैं। शासकीय दफ्तरों में बिना चढ़ावे के कोई कार्य नहीं हो पा रहे हैं। गरीब मजदूर से लेकर व्यापारी, मध्यम वर्ग सरकार के संरक्षण में हो रहे भ्रष्टाचार व कमीशनखोरी से त्रस्त हो चुके हैं। प्रशासनिक लचर व्यवस्था के खिलाफ खड़े भाजपा के स्थानीय बड़े नेता डाॅ. विमल चोपड़ा स्वयं इसका प्रमाण है। उनके द्वारा तहसील दफ्तर में शिविर लगाकर सप्ताह में एक बार समस्याएं सुनी जा रही है, लेकिन, व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं होते देख उन्होंने भ्रष्ट तंत्र के खिलाफ स्वयं भूख हड़ताल करने की सूचना अखबारों के माध्यम से प्रकाशित करवाकर यह उजागर कर दिया है कि भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार सिर चढ़कर बोल रहा है। उक्त वक्तव्य पूर्व संसदीय सचिव व महासमुंद के पूर्व विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने कही। उन्होंने चेतावनी दी कि 15 दिवस के भीतर श्रम विभाग में पेंडिंग आवेदनों का निराकरण नहीं किया जाता है तो मजदूरों के साथ मिलकर श्रम कार्यालय का घेराव किया जाएगा।
श्री चंद्राकर ने आगे कहा कि जिले के श्रम विभाग में पिछले 6-7 माह से श्रमिक पंजीयन, नवीनीकरण सहित श्रमिक परिवारों को मिलने वाली अनेक योजनाओं से संबंधित आवेदनों का निराकरण नहीं हो रहा है। भाजपा के कथित सुशासन के राज में आज मजदूर परिवार विभाग का चक्कर लगा रहे हैं। मार्च 2024 के बाद से कई हजार आवेदनों का निराकरण नहीं हुआ है।
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इससे शासन की योजनाओं का समय पर लाभ नहीं मिलने से श्रमिक भटक रहे हैं। वहीं, दलाल जमकर चांदी काट रहे हैं। काम करवाने के बदले दलाल मजदूरों से अच्छी खासी रकम वसूल रहे हैं। अधिकारियों के सांठ-गांठ कर दलाल 1 से 2 हजार रूपए वसूल कर तत्काल काम करा रहे हैं, आैर पुराने पेंडिंग आवेदनों का निराकरण नहीं किया जा रहा है।
श्री चंद्राकर ने बताया कि 11 मार्च 2024 से अभी तक 6 महीने में एक भी नया मजदूर कार्ड नहीं बनाया गया। हजारों आवेदन पेंडिंग पड़े हैं। इसी तरह नवीनीकरण के लिए हजारों की संख्या में आवेदन हैं, जिन्हें रोक दिया गया है। पिछले अगस्त माह में कुछ आवेदनों का नवीनीकरण किया गया है, वह भी दलालों के माध्यम से हो पाया है।
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जिला श्रम कार्यालय में दलाल हावी हो गए हैं, यहां दलालों का राज चल रहा है। 1 हजार से 2 हजार रूपए नवीनीकरण तथा नए कार्ड बनाने के लिए लिया जा रहा है। इस कार्य में श्रम निरीक्षक की सांठगांठ की जानकारी मिल रही है। श्रम निरीक्षक द्वारा रूपए की मांग की जाती है, जो रूपए देते हैं उन्हीं आवेदनों का निराकरण किया जा रहा है। कई आवेदनों को बिना कारण बताए ही निरस्त किया जा रहा है। हितग्राही रूपए खर्च कर च्वाॅइस सेंटर के माध्यम से आवेदन कर रहे हैं, लेकिन अधिकांश आवेदनों को निरस्त किया जा रहा है। निरस्त करने का कारण भी हितग्राहियों को नहीं बताया जा रहा है। श्रम निरीक्षक की मनमानी से जिले के मजदूर वर्ग परेशान हैं।
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*इन योजनाओं का नहीं मिल रहा लाभ* :- नौनिहाल छात्रवृत्ति, राजमाता कन्या विवाह योजना, विश्वकर्मा मृत्यु बीमा योजना, भगनि प्रसूति सहायता योजना, विश्वकर्मा दुर्घटना मृत्यु पर अंत्येष्टि सहायता योजना के अंतर्गत हजारों आवेदनों का निराकरण नहीं हुआ है। आवेदनों के निराकरण नहीं होने से हितग्राही भी थक चुके है। अब तो श्रम विभाग के अधिकारी पुराने आवेदनों की ओर झांकना भी बंद कर दिए हैं। नए आवेदन आते हैं, रूपए की मांग की जाती है, यदि रूपए मिलते हैं तो निराकरण भी शीघ्र होता है।