राजनीति

‘फिर सुनने को मिलेगा ऐ लड़की नेतागिरी मत कर, कभी तेरे बाप ने माइक पकड़ा है’: बीजेपी ने CM भूपेश बघेल पर कसा तंज

जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव की घड़ी नजदीक आ रही है। नेताओं की जुबानी जंग तेज होती जा रही है। आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला गरमाता जा रहा है। सीएम भूपेश बघेल के भेंट मुलाकात कार्यक्रम के बाद अब युवाओं से सीधे संवाद का कार्यक्रम होना है। इस नए कार्यक्रम को लेकर छत्तीसगढ़ बीजेपी ने सीएम भूपेश पर तंज कसा है। भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष रवि भगत ने कहा कि कथित भेंट मुलाकात वास्तविक रूप से डांट डपट कार्यक्रम की तरह एक बार फिर छत्तीसगढ़ के युवाओं को सुनने मिलेगा कि ‘ऐ लड़की नेतागिरी मत कर’ और यह भी सुनने को मिलेगा कि ‘कभी तेरे बाप ने माइक पकड़ा है’।

उन्होंने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री घूम-घूम कर पूरे छत्तीसगढ़ के युवा बेटे-बेटियों का भरपूर अपमान कर चुके हैं। अब और कौन सी कसर बाकी रह गई जो अब फिर से युवाओं को डांटने-डपटने का दौर शुरू कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ की जनता ने मुख्यमंत्री के प्रायोजित कार्यक्रम का वह वायरल वीडियो देखा है। इसमें किस तरह प्रशिक्षण दिया जाता है कि जनता के सामने मुख्यमंत्री क्या-क्या पूछेंगे और किस तरह से कौन से जवाब देने हैं।
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जमीन पर रगड़ने के निशान थे। शरीर पर भी खरोंच आदि के निशान मिले हैं। इससे आशंका है कि जब हत्यारों ने उसको मारना शुरू किया

‘जिनके भाग्य पर स्याही उड़ेल दी उनसे मिलें सीएम भूपेश’
भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष ने आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री में हिम्मत है तो प्रायोजित युवाओं से नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ के उन युवाओं से मिलें, जिनके भाग्य पर उन्होंने स्याही उड़ेल दी हैं। उन युवाओं से मिलें जो बेरोजगारी, तंगहाली से अवसाद के शिकार होकर नशे और गलत रास्ते पर जा रहे हैं। उन उच्च शिक्षित युवाओं से संवाद करें जो बड़ी बड़ी डिग्रियां हासिल करने के बाद सौ से भी कम भृत्य पद के लिए सवा दो लाख की संख्या में आवेदन करते हैं। युवा मुख्यमंत्री से पूछना चाहते हैं कि साढ़े चार साल में पांच लाख नौकरियां क्या कांग्रेस में बांट दीं, क्योंकि छत्तीसगढ़ के युवाओं को तो यह नौकरी मिली नहीं है।

’10 लाख बेरोजगार युवाओं को बकाया भत्ता कब मिलेगा’
उन्होंने सरकार से पूछा कि मनरेगा के आंकड़े तक नौकरी में क्यों जोड़ दिए। वे पूछना चाहते हैं कि साढ़े 4 साल से वह बेरोजगारी भत्ता क्यों नहीं दिया, जिसका वादा किया गया था? वे पूछना चाहते हैं कि 10 लाख बेरोजगार युवाओं का बकाया भत्ता कब मिलेगा, वे जानना चाहते हैं कि बेरोजगारी भत्ता के हकदार क्यों छांट दिए। क्या मुख्यमंत्री पीएससी और व्यापमं के घोटालों के सवालों के जवाब दे पाएंगे? क्या ऐसे सवालों का सामना कर पाएंगे? यदि हिम्मत है तो भूपेश बघेल अपने प्रायोजित सिलेबस के बाहर के सवालों के जवाब दें। तभी युवाओं से सार्थक संवाद होगा। अन्यथा यह कार्यक्रम भी डांट- डपट-दुत्कार कार्यक्रम में बदल जाएगा।

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