छत्तीसगढ़ में शासकीय विद्यालयों की गुणवत्ता सुधार की दिशा में एक अहम कदम उठाया गया है। राज्य के लगभग 1500 स्कूलों को आगामी सत्रों में मॉडल विद्यालय के रूप में विकसित किया जाएगा। इस संबंध में लोक शिक्षण संचालनालय ने सभी जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों (DEO) को विस्तृत दिशा-निर्देशों के साथ पत्र जारी किया है।
यह पहल शैक्षणिक गुणवत्ता को मजबूत करने, इंफ्रास्ट्रक्चर सुधारने और विद्यालयों की समग्र छवि को निखारने के उद्देश्य से की जा रही है। मॉडल स्कूल की यह योजना प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक तीनों स्तरों के विद्यालयों पर लागू होगी। हर वर्ष लगभग 1500 स्कूलों को इस योजना के अंतर्गत शामिल किया जाएगा।
लोक शिक्षण संचालनालय की ओर से जारी पत्र में स्पष्ट किया गया है कि इन स्कूलों को मुख्य रूप से शैक्षणिक गुणवत्ता के मानकों के अनुरूप तैयार किया जाएगा। इसके अलावा, आवश्यक भौतिक अधोसंरचना का विकास भी सुनिश्चित किया जाएगा, जिससे बच्चों को एक प्रेरणादायक और आधुनिक शिक्षण वातावरण मिल सके।
मॉडल स्कूल विकसित करने के लिए 7 प्रमुख बिंदु तय
संचालनालय ने अधिकारियों को जिन 7 बिंदुओं पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं, वे हैं:
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कक्षा अनुसार बेहतर परीक्षा परिणाम
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विद्यार्थियों की नियमित उपस्थिति
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शिक्षकों का प्रभावी अध्यापन और विद्यार्थियों से सकारात्मक संबंध
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छात्रों में अनुशासन व व्यक्तिगत स्वच्छता की आदत
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पालकों की विद्यालय में सक्रिय भागीदारी
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न्यूनतम आवश्यक अधोसंरचना की उपलब्धता
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जिले की कार्ययोजना के अनुरूप अन्य स्थानीय आवश्यकताएं
विशेष स्कूलों को भी जोड़ा गया योजना से
सत्र 2025-26 की कार्ययोजना में पीएम श्री विद्यालय, इग्नाइट स्कूल, सेजेस स्कूल और मुख्यमंत्री डीएवी विद्यालयों को भी मॉडल स्कूल योजना में शामिल किया गया है। इसका उद्देश्य इन विशेष स्कूलों को शैक्षणिक नवाचार के केंद्र के रूप में स्थापित करना है, जिससे अन्य स्कूलों के लिए ये रोल मॉडल बन सकें।
तीन वर्षों की विस्तृत कार्ययोजना की मांग
संचालनालय ने सभी जिलों से कहा है कि सत्र 2025-26, 2026-27 और 2027-28 के लिए विद्यालयवार कार्ययोजना तैयार कर 10 दिनों के भीतर संभागीय संयुक्त संचालक के माध्यम से रिपोर्ट प्रस्तुत करें। यह योजना स्कूलों की शैक्षणिक और भौतिक जरूरतों के आधार पर तैयार की जाएगी, जिससे विकास कार्यों में पारदर्शिता और प्रभावशीलता बनी रहे।
राज्य में शिक्षा सुधार की दिशा में बड़ा कदम
छत्तीसगढ़ सरकार की यह पहल न सिर्फ शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने का प्रयास है, बल्कि ग्रामीण और दूरस्थ अंचलों में स्थित शालाओं को भी मुख्यधारा से जोड़ने का सशक्त माध्यम बनेगी। उम्मीद की जा रही है कि इन मॉडल स्कूलों के माध्यम से बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और समुचित वातावरण मिलेगा, जो उनके सर्वांगीण विकास में सहायक सिद्ध होगा।

