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छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) ने विद्यार्थियों के हित में बड़ा निर्णय लिया है। नई व्यवस्था के तहत अब पुनर्मूल्यांकन या पुनर्गणना में यदि 5% अंक भी बढ़ते हैं, तो संशोधित अंकसूची जारी की जाएगी।
पहले यह सीमा 10% थी, जिसके कारण कई छात्र-छात्राओं को बढ़े हुए अंक मिलने के बावजूद फायदा नहीं मिल पाता था।
माशिमं की सचिव पुष्पा साहू ने बताया कि पुराने नियमों में 10% से कम अंक बढ़ने पर संशोधित अंकसूची जारी करने का कोई प्रावधान नहीं था। यानी यदि किसी छात्र के 2, 3 या 5 नंबर भी बढ़ते थे, तो अंक नहीं जोड़े जाते थे। अब नियम को शिथिल करते हुए 10% से घटाकर 5% कर दिया गया है।
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अब विद्यार्थियों को कैसे मिलेगा फायदा?
- कक्षा 10वीं, 12वीं और माशिमं की अन्य परीक्षाओं में शामिल छात्र यदि अपने अंक से असंतुष्ट हैं, तो पुनर्मूल्यांकन–पुनर्गणना का आवेदन कर सकते हैं।
- पहले 10% वृद्धि जरूरी थी, अब 5% बढ़ने पर भी सीधा फायदा मिलेगा और नया रिज़ल्ट जारी होगा।
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मेरिट में आएंगे अधिक टॉपर
पुराने नियम से कई प्रतिभाशाली विद्यार्थी 2–5 नंबर की कमी के कारण मेरिट से बाहर रह जाते थे।
जैसे—किसी छात्र को 90 अंक मिले और वह मेरिट के लिए पुनर्मूल्यांकन कराए, लेकिन 10% वृद्धि संभव न होने से उसके अंक नहीं बढ़ते थे।नए नियम से 5% वृद्धि पर भी अंक जोड़े जाएंगे, जिससे मेरिट सूची में ज्यादा विद्यार्थी शामिल हो सकेंगे।
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पुराने नियम में छात्रों को कम मिलता था लाभ
उदाहरण—
- कक्षा 10वीं में 1000 विद्यार्थियों में से केवल 10–15% को ही फायदा होता था।
- कक्षा 12वीं में 1000 में से केवल 3–5% विद्यार्थियों को लाभ मिलता था।
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अब नए नियम से अधिक संख्या में छात्र लाभान्वित होंगे और उनकी मेहनत का वास्तविक मूल्यांकन सुनिश्चित हो सकेगा।छत्तीसगढ़ बोर्ड की यह नई व्यवस्था विद्यार्थियों के लिए राहत और पारदर्शिता दोनों लेकर आई है।

