जशपुर 28 अक्टूबर 2025
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का मंगलवार का दिन जशपुर के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ जब उन्होंने विकास, खेल, संस्कृति और आस्था के कई नए अध्यायों की शुरुआत की। उन्होंने करोड़ों रुपये के विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया, तीरंदाजी अकादमी की नींव रखी, हिमालय अभियान में शामिल पर्वतारोहियों का सम्मान किया और भगवान जगन्नाथ व सूर्य देव की पूजा कर प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की।
मुख्यमंत्री ने अपने दौरे की शुरुआत फरसाबहार से की जहां उन्होंने लगभग 40 करोड़ 89 लाख रुपये की लागत से 13 विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया। इन कार्यों में सड़क, पुल, छात्रावास भवन, विश्रामगृह और फिकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट जैसी योजनाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि जशपुर के हर गांव तक विकास की रोशनी पहुंचाना सरकार की प्राथमिकता है और यह प्रयास निरंतर जारी रहेगा। इस अवसर पर सांसद राधेश्याम राठिया, विधायक गोमती साय, जिला पंचायत अध्यक्ष सालिक साय, उपाध्यक्ष शौर्य प्रताप सिंह जूदेव, नगर पालिका उपाध्यक्ष यश प्रताप सिंह जूदेव सहित अनेक जनप्रतिनिधि और अधिकारी मौजूद रहे।
इसके बाद मुख्यमंत्री ने कैम्प कार्यालय में एनटीपीसी के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए जिसके तहत सन्ना पंडरापाठ में 20 करोड़ 53 लाख रुपये की लागत से तीरंदाजी अकादमी का निर्माण किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जशपुर की मिट्टी में प्रतिभा है, बस सही प्रशिक्षण और अवसर की जरूरत है ताकि छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी ओलंपिक जैसे मंचों पर भारत को गौरवान्वित कर सकें। इस अकादमी में तीरंदाजी रेंज, छात्रावास, पुस्तकालय, खेल चिकित्सा केंद्र और हर्बल गार्डन जैसी सुविधाएं होंगी।
मुख्यमंत्री ने हिमालय अभियान में शामिल जशपुर के पर्वतारोहियों का सम्मान भी किया जिन्होंने हिमाचल प्रदेश की दुहांगन वैली में 5350 मीटर ऊंची चोटी पर सफलता पूर्वक चढ़ाई की थी। उन्होंने कहा कि जशपुर के युवाओं ने अपने साहस और परिश्रम से यह साबित कर दिया है कि इच्छाशक्ति के बल पर कोई भी पर्वत ऊंचा नहीं होता।
दोपहर में मुख्यमंत्री श्री साय अपनी धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय के साथ भगवान जगन्नाथ मंदिर कुनकुरी पहुंचे, जहां उन्होंने 51 हजार तुलसी दल अर्पित किए और प्रदेशवासियों की समृद्धि की कामना की। मंदिर परिसर ‘जय जगन्नाथ’ के उद्घोष से गूंज उठा। इसके बाद मुख्यमंत्री छठ घाट पहुंचे, जहां उन्होंने श्रद्धालुओं से भेंट कर छठ पर्व की शुभकामनाएं दीं और घाट के सौंदर्यीकरण के लिए कार्य जल्द पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित किया और कहा कि छठ पर्व लोक आस्था, अनुशासन और एकता का प्रतीक है, यही हमारी संस्कृति की सबसे बड़ी शक्ति है।
मुख्यमंत्री के इस दौरे ने जशपुर के लोगों में नया उत्साह और विश्वास जगाया। एक ही दिन में विकास योजनाओं की सौगात, खेल के क्षेत्र में नई दिशा, पर्वतारोहियों का सम्मान और धार्मिक आस्था का उत्सव — सब कुछ एक साथ देखने को मिला। यह दिन जशपुर के इतिहास में विकास, संस्कार और संकल्प के अद्भुत संगम के रूप में याद किया जाएगा।

