रायपुर, 1 अक्टूबर 2025// मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मंत्रालय महानदी भवन में विभागीय सचिवों और विभागाध्यक्षों की मैराथन बैठक ली। बैठक में पूंजीगत व्यय की समीक्षा, शासकीय कामकाज में पारदर्शिता, गुणवत्तापूर्ण निर्माण कार्य और जनता की समस्याओं के त्वरित निराकरण पर विशेष ज़ोर दिया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ई-ऑफिस प्रणाली से शासन के कामकाज में पारदर्शिता बढ़ी है और सुशासन का संकल्प साकार हो रहा है। उन्होंने संतोष जताया कि लगभग सभी विभागों में ई-ऑफिस लागू हो चुका है और शेष विभाग इसे दिसंबर 2025 तक अनिवार्य रूप से लागू करें।
उन्होंने बेहतर परफ़ॉर्म करने वाले अधिकारियों की सराहना की और सभी अधिकारियों को स्व-मूल्यांकन कर कार्यप्रणाली में सुधार लाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने सड़कों के सुधार व रखरखाव पर विशेष बल देते हुए कहा कि जनता को सुगम आवागमन उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है। साथ ही जेम पोर्टल से होने वाली खरीदी में किसी भी प्रकार की अनियमितता पर कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूंजीगत व्यय से राज्य की आधारभूत संरचना मजबूत होती है और दीर्घकालिक विकास की नींव पड़ती है। उन्होंने कम व्यय वाले विभागों को कार्यों में तेजी लाने और बिना विलंब टेंडर व कार्य प्रारंभ करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के रजत जयंती वर्ष को अटल निर्माण वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है और इस वर्ष के बजट में 18 प्रतिशत अधिक प्रावधान किया गया है।
जनता की समस्याओं को धैर्य से सुनें अधिकारी
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से जनता की समस्याओं को धैर्यपूर्वक सुनने और निराकरण करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सतत मॉनिटरिंग और नियमित प्रवास से विकास कार्यों की गति बढ़ती है। प्रभारी सचिव अपने जिलों का हर दो माह में दौरा कर योजनाओं की समीक्षा करें।
मंत्रालय में बायोमैट्रिक अटेंडेंस लागू होगी
मुख्यमंत्री ने मंत्रालय के कामकाज में कसावट के लिए 1 दिसंबर से बायोमैट्रिक अटेंडेंस लागू करने के निर्देश दिए। यह व्यवस्था उप सचिव स्तर से वरिष्ठ अधिकारियों तक अनिवार्य होगी।
बैठक में मुख्य सचिव विकास शील, अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार पिंगुआ, अपर मुख्य सचिव ऋचा शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, सचिव पी. दयानंद, सचिव राहुल भगत सहित सभी विभागीय सचिव और विभागाध्यक्ष उपस्थित रहे।

